शिक्षक स्वयं के व्यय से टेबलेट खरीदकर बच्चों को दे रहे हाईटेक शिक्षा

पेटलावद, अग्निपथ। कोरोना काल में दो वर्षों से बन्द पड़े स्कूल कोरोना की तीसरी लहर के साए में कोरोना गाइड लाइन और शासकीय आदेश का पालन के साथ शुरू हो चुके हैं। 20 सितम्बर से प्राथमिक स्कूल भी खुलना है। लेकिन इन दो वर्षों में बच्चों के भविष्य का भारी नुकसान हुआ है जिसका कारण कोरोना के साथ-साथ वो शिक्षक भी हंै जिन पर स्कूल में नहीं लेकिन मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा था।

लेकिन अधिकतर शिक्षक जी चुराकर अपने कत्र्तव्य से बचते हैं और ऐसा यहां देखा भी गया है । इन दो वर्षों में जनजाती कार्य विभाग द्वारा स्कूली शिक्षकों को मोहल्ला क्लास, सहित ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के निर्देश देकर जानकारी देने के आदेश दिए थे, लेकिन कई शिक्षक अपने कत्र्तव्यों से परे अपने घरों में ही जमे रहे पर वर्तमान परिदृश्य में की शिक्षा व्यवस्था पर नजर डाली जाए तो स्कूली शिक्षक किसी न किसी माध्यम से शिक्षा व्यवस्था से दूर रहना चाहते हंै और वो शिक्षा कार्य छोड़ कर अन्य कार्य करने की जुगाड़ में रहते हैं और बचे-कूचे शिक्षक अपने निजी व्यवसाय में व्यस्त देखे जा सकते हैं। देखा जाए तो गिने-चुने शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारी और कत्र्तव्यों को निभाते हंै।

लेकिन एक शिक्षक ने प्रायमरी स्कूल के साथ गांव की तस्वीर बदलने की ठानी है। हम बात कर रहे हंै समाज सेवी शिक्षक भरत चौधरी की जो हाल ही में हायर सैकेंडरी स्कूल से स्थानांतरित होकर प्राथमिक स्कूल नया नगर करड़ावद पहुंचे है।
आज भी अधिकतर प्राथमिक स्तर के शिक्षक विभागीय आदेशों को हवा में उड़ाकर स्कूल जाने से बच रहे हैं। वही शिक्षक भरत चौधरी को मिली नई जवाबदारी को निभाते हुए करडावद की नई बस्ती के बच्चों को रोज मोहल्ला क्लास में पढ़ाई हाई टेक तरीके से करवा रहे हैं।

यहां दर्ज 27 बच्चों को अलग-अलग शिफ्ट में पढ़ा रहे है, आनलाइन शिक्षा के ज़माने में प्रति स्पर्धा व प्रायवेट स्कूल के बढ़ते प्रभाव के बीच शासकीय स्कूल को बेहतरीन बनाने के लिये शिक्षक चौधरी ने स्वयं के खर्च से तीस हजार मूल्य के मोबाइल टेबलेट खरीदकर बच्चों की शिक्षा के लिए बने मोबाइल एप्प बाय जूस एप के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दे रहे है।

बच्चों में नये तरीके से पढऩे में मजा आ रहा है। साथ ही पालकों में भी अब प्रायवेट स्कूल से मोह खत्म होते दिख रहा है। शिक्षक भरत चौधरी ने स्कूल में आने वाले बच्चों को मास्क और सेनिटाइजर भी स्वयं खर्च से उपलब्ध करवाया है। यदि ग्रामीण क्षेत्रो की स्कूलों में पदस्थ शिक्षक इसी तरह अपने कत्र्तव्यों का पालन ईमानदारी से करें तो शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा उठ सकता है।

डोंडी पीटकर दिया संदेश

कोरोना महामारी में लोगों को टीकाकरण जागरूकता का संदेश देने के लिये शिक्षक भरत चौधरी ने लोगों को डोंडी पीटकर गांव के लोगों को संदेश देकर टीका लगवाने हेतु जागृत करने के साथ ही 20 तारीख से खुलने वाले प्रायमरी स्कूल के लिये पालकों को डोंडी पीटकर शासकीय स्कूल में भेजने का निवेदन कर शासन से बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं से अवगत कराया है। कार्य में साथी शिक्षिका दीप्ति सिह जाट द्वारा भी सहभागिता की गई है।

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