दुष्कर्म में फरार विधायक पुत्र को हाई कोर्ट से राहत

जिला कोर्ट ने 28 तक पेश न होने पर दिए थे संपत्ति कुर्क करने के आदेश, हाई कोर्ट ने आदेश को किया खारिज

उज्जैन, अग्निपथ। बडऩगर से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल को हाईकोर्ट ने राहत दी है। जिला न्यायालय द्वारा 28 सितंबर तक कोर्ट के सामने पेश न होने की सूरत में करण मोरवाल की संपत्ति को कुर्क करने के जेएमएफसी कोर्ट ने आदेश दिए थे, लेकिन हाई कोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया है। इसके बाद पुलिस अब मोरवाल के अगले गिरफ्तारी वारंट के लिए जल्द कोर्ट के समक्ष आवेदन करेगी। लंबे समय से फरार आरोपी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है। वहीं आरोपी पर 5 हजार का पुलिस ने इनाम भी घोषित किया हुआ है।

करण पर दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद से ही उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है, लेकिन अब तक करण मोरवाल पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इंदौर पुलिस द्वारा बडऩगर इलाके में फरार आरोपी के फोटो भी चस्पा किए गए थे।

दिसंबर 2020 में करण के संपर्क में आई थी युवती

थाना प्रभारी ज्योति शर्मा के मुताबिक, पीडि़ता पिछले साल दिसंबर में करण के संपर्क में आई थी। दोनों की दोस्ती हुई। धीरे-धीरे वॉट्सऐप और मोबाइल पर बातें होने लगीं। पीडि़ता के अनुसार, करण कई बार उससे मिलने इंदौर भी आया। इस दौरान इंदौर बाइपास स्थित होटल में उसे प्रपोज किया और शादी करने का झांसा देकर उसे नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया था।

अग्रिम जमानत याचिका खारिज

12 जुलाई को जिला कोर्ट ने करण मोरवाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए कुछ साक्ष्य पेश किए थे, जिसमें घटना के समय उसने खुद को किसी अस्पताल में भर्ती होना बताया था। इसके आधार पर वह जमानत चाह रहा था, लेकिन पीडि़ता ने कॉल रिकॉर्डिंग, वॉट्सऐप चैटिंग जैसे कुछ साक्ष्य पेश किए, जिसके बाद जिला कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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