इलाज के लिए रुपए नहीं थे तो नन्हीं बच्ची को अस्पताल के आईसीयू में छोड़ भागे थे मां-बाप

chark hospital

24 घंटे में पुलिस ने तलाशा

उज्जैन, अग्निपथ। इलाज का खर्चा उठाने में असमर्थ मानकर एक दंपित अपनी सात माह की मासूम बच्ची को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। हालांकि पुलिस ने 24 घंटे में माता-पिता को खोजकर बेटी को उनके हवाले कर दिया।
सात माह की मासूम को चरक भवन में छोडक़र भागे दंपत्ति को पुलिस ने मानवीयता दिखाते हुए 24 घंटे में तलाश निकाला।

कोतवाली पुलिस को चरक भवन स्टॉफ ने सूचना देकर बताया था कि सात माह की बच्ची को माता-पिता उपचार के लिये लेकर आये थे। बच्ची की हालत ठीक नहीं होने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। उसके बाद से माता-पिता दोनों का कुछ पता नहीं है। टीआई अमित सोलंकी ने तत्काल एएसआई चंद्रभानसिंह के नेतृत्व में टीम बनाकर माता-पिता की तलाश में रवाना किया।

एएसआई ने चरक भवन पहुंच बच्ची को भर्ती करने के समय बनाया उपचार पर्चा निकलवाया और उस पर पता पेटलावद झाबुआ का लिखा था। मोबाइल नंबर अंकित होने पर कॉल किया गया। नंबर बंद मिलने पर झाबुआ पुलिस कंट्रोल रूम से मदद मांगी गई। पेटलावद के संरपच से दंपत्ति का पता लगाने को कहा गया। उसने पता किया तो सामने आया कि दोनों मजदूरी के लिये बडऩगर गये हुए हंै। एएसआई चंद्रभान को बडऩगर की जानकार लगी तो वहां कि जानकारी जुटाई गई और 24 घंटे में बच्ची के माता-पिता को तलाश कर चरक भवन लगाया गया।

आईसीयू में भर्ती करने पर ज्यादा खर्चा आने से डर गए थे

दंपत्ति ने बताया कि बेटी की तबीयत खराब होने पर 5 अक्टूबर को भर्ती किया था। डॉक्टरों ने हालत ठीक नहीं होना बताकर आईसीयू में भर्ती किया। उन्हें लगा कि आईसीयू में उपचार का खर्च काफी अधिक आयेगा। जिसके चलते वह छोडक़र चले गये थे। पुलिस टीम ने चरक भवन शासकीय और नि:शुल्क उपचार होने की बात कहीं। दंपत्ति को समझाया गया और बच्ची को उन्हें सौंपा गया। पुलिस ने दंपत्ति की स्थिति देख आर्थिक मदद कर जब तक बच्ची ठीक नहीं हो जाती तब तक दंपत्ति की जरुरतों को पूरा करने का आश्वासन दिया है।

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