पंडे-पुजारियों का आक्रोश: दूसरे की आईडी पर दर्शन करने वाला दोषी, पुजारी जिम्मेदार नहीं

महाकाल के पुजारी-पुरोहितों ने भी किया भस्मारती में अनाधिकृत प्रवेश का विरोध

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर के पुजारी.पुरोहितों ने भी भस्मारती में हिंदू नाम की आईडी लगाकर विशेष वर्ग के युवक द्वारा अनाधिकृत रूप से प्रवेश किए जाने की घटना का विरोध किया है।

इस विषय को लेकर पुजारी-पुरोहितों ने गुरुवार को मंदिर में पुजारीयान समिति एवं पुरोहित समिति के बैनर तले संयुक्त रूप से बैठक बुलाई, जिसमें सभी पुजारी-पुरोहितों ने अपनी बात रखी। पुजारी-पुरोहितों ने बैठक में कहा कि वे विश्वास के आधार पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु द्वारा दिए भेजे जाने वाले आईडी को आवेदन के साथ लगाकर भस्मारती की अनुमति लेते हैं।

ऐसे में कोई श्रद्धालु धोखा कर किसी दूसरे व्यक्ति की आईडी देकर अनुमति प्राप्त कर ले और अनाधिकृत रूप से मंदिर में प्रवेश करता है तो इसके लिए वह दोषी है। इसमें पुजारी-पुरोहित को किसी भी स्तर पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। मंदिर प्रबंध समिति के नियम अनुसार प्रतिदिन ही पुजारी-पुरोहितों के अलावा भी समस्त शासकीय एवं अन्य विभाग के लोग भी श्रद्धालु द्वरा भेजे गए आईडी पर ही भस्मारती की अनुमति प्राप्त करते हैं।

ऐसे में गलत आईडी देकर अनाधिकृत प्रवेश करने वाला व्यक्ति ही इसका जिम्मेदार होगा। यहीं स्थिति ऑनलाइन के जरिए आम लोगों द्वारा प्राप्त की जाने वाली भस्मारती की अनुमति में भी बन सकती है। क्योंकि भस्मारती कराने वाला संबंधित व्यक्ति हो या मंदिर प्रबंध समिति वह श्रद्धालु के आईडी को ही प्रमाण मानती है। ऐसे में उस आईडी की जगह मंदिर में कोई दूसरा व्यक्ति प्रवेश करता है तो वह स्वयं दोषी है। उसके खिलाफ मंदिर प्रबंध समिति को पुलिस में शिकायत कर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए।

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