फर्जी परिजन बनाकर जॉब कार्ड में नाम दर्ज कर रोजगार सहायक हड़प रहे राशि

रोजगार गांरटी योजना में ग्राम पंचायत जाख में सामने आया नया फर्जीवाड़ा

सुसनेर, अग्निपथ। रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार करने के लिए ग्राम पंचायतो ंके रोजगार सहायक अलग-अलग हथकंडे अपना रहे हैं। जिसमें जॉब कार्डधारी के फर्जी परिजन बनाकर जॉब कार्ड में नाम दर्ज करके राशि हड़पी जा रही है। ग्राम पंचायत जाख में सामने आए इस नए फर्जीवाडे में रोजगार सहायक जमकर कमाई कर रहे हैं।

कई ग्राम पंचायतो में मनरेगा के जॉब कार्डधारीयों में परिवार के मुखिया और पत्नी ही है किन्तु उनके जॉब कार्ड में अन्य लोगो के नाम गलत तरीके से जोडकर जॉब कार्ड का संचालन करके राशि का आहरण किया जा रहा है।

ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत जाख में सामने आया है। इस पंचायत में मनरेगा के तहत संचालित जॉब कार्ड क्रमांक एमपी 19001002002/194 में परिवार के मुखिया के तौर पर ममता बाई तथा उसके पति गोवर्धन का नाम दर्ज है। किन्तु इस जॉब कार्ड में परिजनो के नाम पर शीलाबाई, सरजू बाई, धापूबाई और तोलाराम का नाम दर्ज है। उक्त चारो व्यक्ति गोवर्धन और ममताबाई के परिजन नहीं हैं।

इस जॉब कार्ड में इनके नाम फर्जी तरीके से जोड़े गए हैं। इनके नाम पर वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के बीच रोजगार गारंटी योजना में कई बार राशि का आहरण किया गया है। इसके लिए मस्टर रोल में नाम चढ़ाकर मस्टर जारी कर राशि निकाली गई है।

सूत्रों के अनुसार ये सभी लोग एक रोजगार सहायक के परिजन हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि ग्राम पंचायत जाख में सैंकडों की संख्या में फर्जी जॉब कार्ड मौजूद है। जिनका जांच में खुलासा हो सकता है।

रोजगार सहायको के जिम्मे है मूल्याकंन कार्य

रोजगार गारंटी योजना के तहत कराए जाने वाले हितग्राही मूलक कई कार्यों का मूल्याकंन भी रोजगार सहायकों के जिम्मे है। मनरेगा के तहत बनने वाले पशु शेड, कपिलधारा कूप और आवास योजना के मूल्याकंन की जिम्मेदारी रोजगार सहायकों की ही है। इन लोगों के पास कोई तकनीकी ज्ञान तो होता नहीं है। उसके बाद इन लोगों के पास मूल्याकंन की जवाबदारी होना इस योजना में भ्रष्टाचार का एक बडा कारण है। प्रशासन पूरे मामले की गंभीरता से जांच करे तो मनरेगा में भ्रष्टाचार के कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।

जांच अधिकारी से ही बात करें

जनपद पंचायत क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायतो में मनेरगा के तहत कराए गए कार्य में भ्रष्टाचार की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा टीम बनाई गई है। जिसके जांच अधिकारी अभिषेक यादव एसडीओ आरईएस हैं। आप इस संबंध में जांच अधिकारी से ही बात कीजिए।

-पराग पंथी, सीईओ, जनपद पंचायत सुसनेर

लिखित आदेश का इंतजार है

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा मुझे जांच के लिए मौखिक रूप से कहा गया था। लिखित जांच का आदेश अभी नहीं मिला है। लिखित आदेश मिलता है तो शिकायतकर्ता आशिक हुसैन बोहरा को विश्वास में लेकर मामले की जांच की जाएगी।

-अभिषेक यादव, एसडीओ ग्रामीण यांत्रिकी विभाग आगर

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