छह साल के मासूम की मौत के बाद जागा जिला प्रशासन, झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिये बनेंगे दल

रतलाम कलेक्टर ने दिये निर्देश

जावरा/ रतलाम, अग्निपथ। क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में झोलाछाप डाक्टर के इलाज के कारण छह साल के मासूम की मौत के बाद आखिरकार जिला प्रशासन नींद से जाग उठा है। जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टरों की जांच के लिए दल बनाएं जाएंगे। कलेक्टर ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग व सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं।

सोमवार को रतलाम जिला मुख्यालय पर हुई समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में फर्जी तथा झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए दल गठित किए जाएं। जांच के साथ ही जरूरी एक्शन ली जाए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम तथा खंड चिकित्सा अधिकारियों को झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा कलेक्टर द्वारा जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की समय सीमा में उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों एवं कम्युनिटी हेल्थ ऑर्गेनाइजर्स की ड्यूटी समय पर कराने के लिए भी निर्देशित किया।

दरअसल शुक्रवार को ग्राम मुंडला के 6 वर्षीय एक मासूम को रिंगनोद में बंगाली डॉक्टर तपन विश्वास ने 6 वर्ष के अरिहंत उर्फ आर्यन गुर्जर को इंजेक्शन लगाया था। उसके तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गई थी। माता-पिता ने लापरवाहीपूर्वक इलाज का आरोप लगाया था। मामले में रात को ही मुंडला के ग्रामीण क्लीनिक का घेराव करने पहुंच गए थे लेकिन पुलिस ने मामला शांत करवा दिया था।

ग्रामीणों ने मासूम का शव रखकर दिया था धरना

शनिवार को ग्रामीण मासूम का शव लेकर बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर रोड पर धरने पर बैठे रहे। ग्रामीण कह रहे थे कि क्लीनिक तोड़ा जाए तथा कानूनी कार्रवाई कर आर्थिक सहायता दी जाए, तभी शव हटाएंगे। करीब दो घंटे तक बवाल चलता रहा। तहसीलदार मृगेंद्र सिसौदिया, एसडीओपी रविंद्र बिलवाल ने ग्रामीणों को उचित आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए रवाना किया। दोपहर को बच्चे का अंतिम संस्कार हुआ है।

ग्रामीणों ने तहसीलदार सिसौदिया को ज्ञापन भी सौंपा था। इसमें आर्थिक सहायता व क्लीनिक तोडऩे की मांग की थी। तहसीलदार सिसौदिया ने बताया था कि 5 हजार की तत्काल सहायता दी हैं बाकी कलेक्टर के यहां प्रकरण प्रेषित करेंगे। क्लीनिक तोडऩे के लिए नियमानुसार जांच कर निर्णय लिया जाएगा। बरहाल-रतलाम कलेक्टर ने झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए, अब देखने वाली बात रहेगी कब तक इन झोलाछाप पर कार्रवाई होती है और कब तक चलती रहेगी।

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