मौके पर सीसी रोड नहीं, नगर परिषद् मरम्मत कराने चली

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अंधेरी नगरी, चौपट राजा की कहावत चरितार्थ कर रही बड़ौद नगर सरकार

बड़ौद, अग्निपथ। अंधेरी नगरी, चौपट राजा की कहावत नगर परिषद बड़ौद में चरितार्थ होती दिख रही है। ताजा मामले में नगर परिषद ने शहर की आधा दर्जन से ज्यादा सीमेंट कांक्रीट (सीसी) रोड की मरम्मत का टेंडर निकाला है। इनमें एक सडक़ ऐसी भी शामिल कर ली है जहां सीसी रोड है ही नहीं। खास बात यह है कि इंजीनियर के इस लापरवाह प्रस्ताव पर नगर परिषद के प्रशासक और सीएमओ ने भी आंख मूंदकर मंजूरी दे दी।

दरअसल, नगर परिषद् द्वारा 18 मई को विज्ञप्ति क्रमांक/लोनि/2022/514 दिनांक का प्रकाशन किया गया। जिसमें 7 सीसी रोड मरम्मत एवं 1 सीसी रोड, नाली निर्माण हेतु टेंडर जारी किये गये। इनमें डग रोड से उत्कृष्ट स्कूल तक सीसी रोड मरम्मद का भी उल्लेख है। गौर करने वाली बात यह है कि उत्कृष्ट स्कूल डग रोड पर ही स्थित है एवं डग रोड से किसी प्रकार का सीसी रोड स्कूल तक जाने के लिए नहीं बना हुआ है। ऐसे में जहां मौके पर सीसी रोड ही नहीं है तो नगर परिषद् के इंजीनियर ने मरम्मत का एस्टीमेट किस आधार पर बनाया एवं प्रशासक एवं सीएमओ ने इसकी विज्ञप्ति जारी कर दी, क्या उन्होंने मौका मुआयना भी नहीं किया?

सुधारना ठेकेदार को था लेकिन नगर परिषद करवा रही मरम्मत

इस टेंडर में एक लोचा और है। दरअसल, नगर परिषद् जिन 7 सीसी रोड की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किये हैं। इन सडक़ों को जल आवर्धन के ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन डालने एवं नल कनेक्शन करने के लिए खोदा है। यह कार्य पूर्ण होने के बाद ठेकेदार को ही सडक़ों की मरम्मत करके देना है। ऐसे में नगर परिषद् द्वारा इन सडक़ों की मरम्मत के लिए टेंडर किसके दबाव में जारी किया गया? क्या जल आवर्धन के ठेकेदार एवं नगर परिषद् के मध्य कोई गोपनीय समझौता तो नहीं हुआ? आखिर अनुबंध में होने के बाद भी उक्त सडक़ों की मरम्मत नगर परिषद् ठेकेदार से क्यो नहीं करवा रहीं है?

नगर परिषद् के इस कार्य की नगर में हो रहीं निंदा

नगर परिषद् द्वारा निकाली गई विज्ञप्ति की नगर में हर तरफ निंदा हो रहीं है। हर कोई नगरवासी अपने कर के पैसे का नगर परिषद् द्वारा दुरूपयोग करने का आरोप लगा रहे है। ज्ञात हो कि जो सकड़े मरम्मद हेतु टेंडर में ली गई है उनकी मरम्मद जल आवर्धन के ठेकेदार को करना है फीर नगर परिषद् लाखो रूपये इस कार्य में खर्ज कर व्यर्थ क्यो गवा रहीं है वहीं ठेकेदार को फायदा क्यो पहुंचाया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो नगर परिषद् की माली हालत ठीक नहीं है, यहां तक कि इस माह का कर्मचारियों को वेतन भुगतान भी नहीं हुआ है। वहीं दूसरी और नगर परिषद्, उन कार्यों पर लाखों रुपये व्यर्थ बहाना चाह रहीं है जिसका कार्य जल आवर्धन के ठेकेदार को करना ही है। कहीं यह सब चुनावी गणित को साधने का काम तो नहीं है।

जांच करेंगे

मुझे अभी नगर परिषद् के सीएमओ का प्रभार मिला है। मेरी जानकारी में यह विज्ञप्ति नहीं है। सोमवार को इस मामले को दिखवाता हूं। अगर ऐसा कोई मामला है तो इस पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

– अनिल कुशवाह, तहसीलदार एवं प्रभारी सीएमओ बड़ौद।

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