देवासरोड की विवादास्पद बिल्डिंग पर अवैध निर्माण का नोटिस

नगर निगम ने भवन अनुज्ञा निरस्त करने की तैयारी की

उज्जैन, अग्निपथ। देवासरोड़ पर पिछले लगभग डेढ़ साल से विवाद की वजह बनी हुई बिल्डिंग की अनुज्ञा निरस्त करने की तैयारी कर ली है। नगर निगम ने बिल्डिंग का निर्माण करने वाली कंपनी को अनुज्ञा निरस्त करने का नोटिस जारी किया है। कंपनी के डायरेक्टर्स ने नोटिस लेने से मना कर दिया तो इसे बिल्डिंग पर चस्पा करवा दिया गया।

देवासरोड़ पर आर.एम. विनो डेवलपर्स द्वारा प्लॉट नंबर 40 पर बिल्डिंग निर्माण की अनुमति नगर निगम से प्राप्त की गई थी। जिस जमीन पर यह बिल्डिंग बनी है, उसके पूर्व मालिक परिवार में संपत्ति संबंधी विवाद चल रहा है। पूर्व मालिक के हिस्सेदार परिवार की एक महिला ने जमीन के सौदे पर आपत्ति लेकर कोर्ट में केस दायर किया हुआ है। इसी महिला ने बिल्डिंग की नियम विरूद्ध परमिशन जारी होने की भी शिकायत की थी। लोकायुक्त इंदौर द्वारा इस मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है। नगर निगम के तीन अधिकारी भी इस जांच के लपेटे में है। आर.एम.विनो डेवलपर्स कंपनी के मुख्य डायरेक्टर सुशील जैन का पिछले दिनों निधन हो चुका है। उनके विरूद्ध भी लोकायुक्त द्वारा इसी प्रकरण में जांच की जा रही थी। लोकायुक्त के एक पत्र के बाद नगर निगम ने बिल्डिंग की अनुज्ञा के बाद हुए निर्माण की जांच की थी। जांच रिपोर्ट से यह साफ हुआ कि इस बिल्डिंग का निर्माण तय स्वीकृति के विपरीत हुआ है। बिल्डिंग में फ्रंट एमओएस 12 मीटर छोड़ा जाना था लेकिन मौके पर केवल 6.12 मीटर ही ओपन स्पेस छोड़ा गया है, शेष हिस्से में निर्माण कर लिया गया है। आरएम विनो कंपनी ने इसकी कंपाउंडिंग के लिए भी नगर निगम में रूपए जमा कराए थे लेकिन फ्रंट एमओएस की कंपाउंडिंग नहीं की जा सकती लिहाजा कंपनी का आवेदन निरस्त कर दिया गया। नगर निगम के भवन अधिकारी एल.डी. दोराया द्वारा 17 जून को बिल्डिंग निर्माण करने वाली कंपनी आर.एम. विनो डेवलपर्स को भवन निर्माण अनुज्ञा निरस्त करने का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनी द्वारा नहीं लिए जाने पर इसे बिल्डिंग पर चस्पा कर दिया गया।

वास्तुविद का लाइसेंस भी निरस्त होगा

आरएम विनो डेवलपर्स कंपनी ने नगर निगम से बिल्डिंग के निर्माण के लिए 14 मई 2019 और 14 जुलाई 2020 को दो बार भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई थी। आरोप है कि तथ्यों को छुपाकर भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई। वास्तुविद अनिरूद्ध गुप्ता की देखरेख में बिल्डिंग का निर्माण किया जाना था। तय स्वीकृति के अनुरूप ही निर्माण हो यह अनिरूद्ध गुप्ता की भी जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। नगरनिगम की ओर से नोटिस की एक प्रति वास्तुविद अनिरूद्ध गुप्ता को भी भेजकर उनका वास्तुविद का लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी गई है।
जिन्होंने नोटिस दिया, उन्होंने ही बांटा पूर्णता प्रमाण पत्र

देवासरोड की विवादास्पद बिल्डिंग के मामले में एक ओर पेंच सामने आ गया है।

इस बिल्डिंग के निर्माण से जुड़े विवाद में लोकायुक्त की जांच चल रही है। कोर्ट में भी प्रकरण विचाराधीन है, बिल्डिंग का निर्माण तय स्वीकृति से अलग जाकर किया गया है इसके बावजूद नगर निगम के भवन अधिकारी ने इस बिल्डिंग को पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है। इसी साल 17 मार्च को भवन अधिकारी एल.डी. दोराया बिल्डिंग का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर चुके है, इस अवधि में बिल्डिंग के अवैध निर्माण की जांच ही चल रही थी। सबसे अहम बात यह है कि जिन भवनों के लिए ऑनलाइन अनुज्ञा जारी होती है, उनका पूर्णता प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन ही दिया जाता है लेकिन देवासरोड की बिल्डिंग के मामले में ऐसा नहीं किया गया।

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