उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन नगर निगम में महापौर पद के चुनाव परिणाम को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ कांग्रेस हाई कोर्ट की शरण में जाएगी। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है की जिला कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी के एजेंट के तौर पर काम किया है।
सोमवार को भोपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने पहुंचे तराना विधायक और उज्जैन नगर निगम से कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतू पटवारी के सामने परमार ने मीडिया से कहा कि प्रशासन ने 7 चरणों तक मतगणना के बाद प्राप्त मतों की घोषणा की लेकिन 8वें से 11वें चरण तक मतगणना के बाद हर चरण में प्राप्त मतों की घोषणा नहीं की। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने सीधे भाजपा प्रत्याशी को विजय घोषित कर दिया।
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दबा कर रखा
परमार का आरोप है की आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद भी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह सिर्फ आश्वासन देकर समय काटते रहे। उन्होंने हमारी किसी बात पर ध्यान नहीं दिया और भाजपा के एक पदाधिकारी के फोन पर बात करने के बाद अंदर चले गए और सिंह ने खुद का फोन बंद कर लिया। उधर पुलिस प्रशासन वहां मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दबाकर रखा और उन्हें बाद में कलेक्टर से मिलने नहीं दिया गया। ईवीएम मशीनों के रेंडमाइजेशन को लेकर भी परमार ने आरोप लगाए हैं।