1500 रु. विशेष दर्शन श्रद्धालुओं की भीड़ चांदी गेट से विश्राम धाम तक पहुंची

भीड़ नियंत्रित नहीं होते देख प्रशासक ने 5 की जगह एक बार में 20 श्रद्धालु गर्भगृह में छोडऩे के दिये निर्देश

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में पिछले दिनों की अपेक्षा सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में कुछ कमी देखने मिली है। इसके बावजूद 1500 रु. विशेष दर्शन टिकटधारियों की लाइन आज सभामंडप से होते हुए विश्रामधाम तक पहुंच गई। लेकिन सामान्य और प्रोटोकाल श्रद्धालुओं को आज पीछे से आराम से भगवान महाकाल के दर्शन होते रहे। प्रशासक के दौरे के बाद व्यवस्था चुस्त दुरुस्त नजर आई।

सभामंडप में पहली बार विशेष दर्शन टिकटधारियों की लाइन विश्रामधाम तक पहुंच गई थी। इनको व्यवस्थित करने के लिये यहां पर क्यूआर टीम के सुरक्षाकर्मी लगे रहे। सुबह भीड़ का सैलाब अधिक होने पर प्रशासक संदीप सोनी ने 5 की जगह 20-20 श्रद्धालुओं का जत्था छोडऩे के निर्देश दिये। इस तरह से दोपहर 2 बजे के बाद गर्भगृह से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की लाइन समाप्त हो पाई। ज्ञात रहे कि चांदी गेट से 5-5 श्रद्धालुओं का जत्था छोडऩे के निर्देश उन्होंने रविवार को कर्मचारियों को प्रदान किये थे। लेकिन सोमवार को पहली बार विशेष दर्शन टिकटधारी बड़ी संख्या में पहुंच गये, जिसके चलते दिये गये निर्देश बदलना पड़े।

प्रभारी अधिकारी को लगाया तो दर्शन हुए

सोमवार को प्रभारी अधिकारी अभिषेक उपाध्याय को गर्भगृह की दहलीज पर श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश करवाने और बाहर निकालने के लिये लगाया गया था। यह व्यवस्था काफी अच्छी रही और गणपति मंडपम से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन होते रहे। पहले केवल गर्भगृह निरीक्षक बाहर और सहायक अंदर रहता था, जिसके चलते श्रद्धालु बार बार शिवलिंग के सामने आ जाते थे। ऐसे में पीछे से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं को शिवलिंग की एक झलक तक नहीं मिल पाती थी। एक अतिरिक्त कर्मचारी को बढ़ा दिया गया जिससे दर्शन व्यवस्था सुचारू हो गई।

टिकट विंडो तक पहुंचना मुश्किल

विशेष दर्शन टिकट विंडो तक पहुंचने के लिये लगाये गये बेरिकेड्स के अंदर से होकर श्रद्धालुओं को टिकट लेना पड़ रही है। यह लाइन जब लंबी हो जाती है और विशेष प्रोटोकाल आता है तो कर्मचारी को लाइन में लगकर या इनके बीच में से होकर विंडो तक जाना पड़ता है। ऐसे में देर हो जाती है और प्रोटोकाल तब तक इनका इंतजार करते हैं।

नंदीहाल की व्यवस्था नहीं सुधरी

रविवार को प्रशासक ने नंदीहाल की व्यवस्था भी देखी थी। यहां बैठे श्रद्धालु नंदी के पीछे खड़े हो रहे थे। जिनको उन्होंने वहां से हटवाया था। यहां पर उन्होंने नंदी बाबा के दोनों ओर स्टील बेरिकेड्स लगाने को भी कहा था, लेकिन सोमवार को यहां की स्थिति जस की तस रही। बड़ी संख्या में श्रद्धालु नंदी बाबा के पीछे बैठकर खड़े हो रहे थे। जिसके चलते गणपति मंडपम से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था में बाधा आ रही थी।

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