कालिदास समारोह के प्रमाण पत्र अंग्रेजी में

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे ने कहा-कालिदास की धरती पर संस्कृत का अपमान

उज्जैन,अग्निपथ। अखिल भारतीय कालिदास समारोह में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बांटे गए प्रमाण पत्र अंग्रेजी में प्रकाशित होने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। नगर के प्रबुद्धजन इसे संस्कृत का अपमान बता रहे हैं।

विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह जैसे सारस्वत समारोह का प्रमाण पत्र संस्कृत की अपेक्षा इंग्लिश में प्रकाशित होना गुलामी की मानसिकता को प्रदर्शित करता है। यह अत्यंत खेद जनक है की महाकवि कालिदास की भूमि पर उन्ही के नाम से किए जा रहे आयोजन के प्रमाणपत्र संस्कृत हिन्दी छोड़ कर किसी और भाषा में दिए जाए। इस आयोजन का उद्घाटन संत श्री रामभद्राचार्य जी ने संस्कृत भाषा में भाषण देकर किया था। इस आयोजन में देश से अनेक विद्वान सम्मिलित होते हैं।

एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिकित्सा का पाठ्यक्रम हिन्दी में प्रारंभ कर मध्य प्रदेश को देश का प्रथम प्रदेश होने का गौरव प्रदान कर रहे हैं। वही संस्कृत आधारित कार्यक्रम में संस्कृत की ही अनदेखी करना गलत है। विरोध का विषय कोई भाषा नही है बल्कि वह विचारधारा है जो संस्कृति आधारित कार्यक्रम में वैदिक भाषा के उपयोग की उपेक्षा करती है।

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