इंदौर में पकड़ी 2.40 करोड़ की अफीम

एनसीबी कार्रवाई करती रही, ड्राइवर आराम से बैठा रहा, एक फोन ने बदल दिया सीन

इंदौर, अग्निपथ। पांच साल पहले 2018 में आई अजय देवगन की मूवी रेड तो याद होगी। ठीक उसी तर्ज पर इंदौर में एनसीबी ने कार्रवाई कर 2.4 करोड़ की अफीम पकड़ी। जब एनसीबी ट्रक पर कार्रवाई कर रही थी, तब ड्राइवर आराम से बैठा मानो खेल देख रहा हो। थकी हारी एनसीबी को एक फोन पर ऐसा क्लू मिला कि पूरी कहानी ही पलट गई।

यह इंदौर में पकड़ी गई अब तक की सबसे ज्यादा कीमत की अफीम की खेप है। ट्रक में ड्राइवर सीट के पीछे 110 पैकेट में 80 किलो 250 ग्राम अफीम की तस्करी करते हुए चालक को पकड़ा है। इसकी कीमत 2 करोड़ 40 लाख रुपए है। बात 28 अप्रैल 2023 की है। इंदौर में एनसीबी को मुखबिर से इनपुट मिला था कि ट्रक क्रमांक जीजे02जेड5655 का ट्रक ड्राइवर अवैध रूप से ट्रक में अफीम छुपाकर मणिपुर से गुजरात ले जा रहा है।

इसके बाद तुरंत एनसीबी अधिकारियों ने टीम तैयार की और ट्रक ड्राइवर को पकडऩे में जुट गए। कुछ छुट्टी पर थे, उन्हें भी ड्यूटी पर बुला लिया गया। 28 अप्रैल को सुबह 4 बजे से ऑपरेशन शुरू हुआ और इंदौर से गुजरात जाने वाले अलग-अलग रूट पर एनसीबी की टीम रेकी करने लगी, हथियारों से लैस पार्टियों को तैनात कर दिया था। लेकिन सुबह से शाम हो गई थी मगर ट्रक का कोई अता-पता नहीं था।

एनसीबी के पास ये इनपुट भी था कि ट्रक ड्राइवर बेटमा बायपास पर रामदेव ढाबे पर रुकता है। इसलिए वहां खास तौर से टीम नजर रखे हुए थी। रात हो चुकी थी लेकिन ट्रक के किसी भी रूट से गुजरात की ओर जाने की सूचना नहीं मिली थी। देर रात एक ट्रक रामदेव के ढाबे पर आकर रूका। नंबर चेक किया तो वही निकला, जिसकी तलाश में इंतजार करते-करते सुबह से रात हो चुकी थी। यहां ड्राइवर रात के करीब 3-4 बजे तक रुका रहा। उसे पकडऩे के लिए कुछ दूरी पर खड़ी एनसीबी की टीम उसके ढाबे से चलने का इंतजार कर रही थी।

ढाबे पर भी कुछ पुलिसकर्मी नजर बनाए हुए। अधिकारियों ये अंदेशा था कि ढाबे पर कार्रवाई की तो वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग सकता है। इसलिए ट्रक में सवार होने के बाद ही उसे आगे पकड़ा जाएगा। सुबह करीब 4 बजे ट्रक ड्राइवर ट्रक लेकर ढाबे से रवाना हुआ। वो थोड़ा आगे चला ही था कि टोल के पास उसका इंतजार कर रही एनसीबी टीम ने उसे रोक लिया।

ड्राइवर आराम से बैठकर तमाशा देखता रहा

पकड़ाने के बाद भी ड्राइवर ने कोई बेचैनी या हड़बड़ी नहीं दिखाई। वो पूरी तरह से शांत और सामान्य बना रहा। मानो उसे ये अंदाजा हो कि माल ऐसी जगह छिपा रखा है कि एनसीबी की टीम ढूंढ ही नहीं पाएगी। हुआ भी वैसा ही। एनसीबी अधिकारियों ने उससे पूछताछ की तो उसने सब-कुछ सच-सच बताया। नाम सुजानाराम पिता ठाकरा, उम्र 40 साल, निवासी ग्राम समो की ढाणी, जिला बाड़मेर राजस्थान बताया।

ट्रक में मक्का थी, जिसकी बिल्टी चेक करने पर वो सही पाई गई। ट्रक का नंबर भी उसने नहीं बदला था, वो भी सही था। ट्रक में चैकिंग की गई तो एनसीबी की टीम को कुछ भी नहीं मिला। तब तक ट्रक चालक भी ये मान चुका था कि वो नहीं पकड़ाएगा।

कुछ नहीं मिला तो एनसीबी ने मुखबिर को लगाया फोन, वहां से मिला इनपुट

इसके बाद एनसीबी टीम ने मुखबिर से संपर्क किया और बताया कि ट्रक में अफीम नहीं निकली है। इसके बाद मुखबिर ने ट्रक के केबिन में ड्राइवर सीट और क्लीनर सीट के नीचे माल होने का इशारा किया। अधिकारियों ने चैक किया तो वहां भी कुछ नहीं था, इसके बाद सीट के नीचे जो वेल्डिंग की गई थी, उसकी जांच की गई। उसे तोडऩे में भी टीम को काफी मशक्कत करना पड़ी। कुछ पुलिसकर्मियों के हाथों में चोट भी लगी। ऊपर लोहे का हिस्सा जब हटा तो नारकोटिक्स के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। छोटे-छोटे पैकेट तैयार कर अफीम को छिपाया गया था। माल जब्त करने के साथ ही ट्रक ड्राइवर आरोपी सूजाना राम को गिरफ्तार कर लिया गया।

रिमांड में उगल दिया पूरा सच, पहले भी गुजरात से होकर राजस्थान ले गया था अफीम

आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर 29 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 4 मई तक के रिमांड पर एनसीबी को सौंप दिया। शुक्रवार 5 मई को उसे जेल भेज दिया गया है। रिमांड में पूछताछ के दौरान उसने पूरी कहानी अधिकारियों को सुनाई। उसने बताया कि करीब 3-4 महीने पहले पहली बार वो ट्रक में अफीम छिपाकर ले गया था। लेकिन तब उसे पता नहीं था कि ट्रक में अफीम की तस्करी की जा रही है। उस समय वो मणिपुर से ही ट्रक में माल लोड कर वो गुजरात के अहमदाबाद के लिए निकला था।

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