रीगल टॉकीज मामला: 25 साल बाद गोपाल मंदिर क्षेत्र में आधुनिक शॉपिंग मॉल बनेगा

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन निगम के पक्ष में सुनाया फैसला

उज्जैन(अग्निपथ)। बहुचर्चित रीगल टॉकीज जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है। नगर निगम इस जमीन पर आधुनिक मॉल बनाने की योजना बना चुका है। अब इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। 25 साल पहले यहां शापिंग कॉम्पलेक्स बनाने की योजना बनाई गई थी। परन्तु भारी राजनीतिक उठापटक और विवादों के चलते इसका भूमिपूजन नहीं हो पाया था।

गोपाल मंदिर के समीप स्थित पुराने नगर निगम कार्यालय भवन के स्थान पर प्रमोटर बिल्डर स्कीम के तहत शापिंग कॉम्पलेक्स बनाने की योजना 25 साल पहले बनाई गई थी। जबलपुर की एमएम ट्रेडिंग कंपनी को 18 साल पहले इसके निर्माण का ठेका 7.08 करोड़ रुपए में मिला था। कंपनी ने प्रथम किस्त की 96 लाख के चेक नगर निगम को दिए थे।

चेक बाउंस हो गया और विवाद शुरू हो गया- आरोप है कि अफसरों ने एमआईसी के ठहराव प्रस्ताव को दरकिनार करते हुए डीडी के स्थान पर चेक ले लिया था। कंपनी ने पैसा जमा कराया। पचास लाख की बैंक गारंटी भी जमा कराई थी और फिर से काम शुरू कर दिया। साथ ही 35 दुकानदारों को दुकान खाली करने को नोटिस दे दिया गया।

भूमिपूजन के लिए कंपनी के पहुंचने पर भाजपा नेता रेखा ओरा ने रोक दिया था। विवाद बढ़ता गया। मामले में हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री कार्यालय से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। वहीं ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया था। अब विवाद के 18 साल बाद फिर से नगर निगम के पक्ष में फैसला आने के बाद शापिंग कॉम्पलेक्स के स्थान पर आधुनिक मॉल बन पाएगा।

अफसरों पर केस, ठेकदार से वसूली हो

भाजपा नेता रेखा वोरा का कहना है कि निगम के अधिकारियों ने दस हजार कलेक्टर गाइड लाइन के बाद भी रीगल टाकीज की जमीन 44 हजार स्क्वेयर फीट की जमीन को अनियमितता करते हुए 1400 स्क्वेयर फिट पर दे दिया था। जो सबसे बड़ी अनियमितता था। इसी बीच एमएम ट्रेडिंग कंपनी का चेक बाउंस होने का मामला सामने आया। जांच के दौरान टेंडर में कई अनियमितता सामने आई।

वोरा का कहना है कि उन्होंने निगम के इंजीनियर को रात आठ बजे नक्शे में छेड़छाड़ करते हुए पकड़ा था। इन सब गड़बडिय़ों के दौरान कांग्रेस की महापौर सोनी मेहर ने अफसरों के साथ मिलकर एमएस ट्रेडिंग कंपनी को 500 रुपए जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। इस मामले में महापौर निलंबित हो सकती थी। परन्तु भाजपा नेताओं ने साथ नहीं दिया और वह बच गई। मामला इतने लंबे समय तक लटक गया। मेरा कहना है कि गड़बड़ी करने वालों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो। उनसे निगम नुकसान की भरपाई हो। ठेकेदार दो से तीन करोड़ रुपए का सामान ले जा चुका है उसकी वसूली हो।

रीगल टॉकीज का हेरीटेज लुक बना रहे

गोपाल मंदिर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश सिंह परमार का कहना है कि सिंधिया परिवार की रानी इस भवन पर उज्जैन के लोगों से चर्चा करती थी और भवन में बनी सुरंग से गोपाल मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाती थी। भवन के लुक और सुरंग को बचाया जाना चाहिए। ताकि इसका हेरीटेज लुक बना रहे। आने वाले लोगों के साथ ही अपने बच्चों को इस विरासत से अवगत कराया जा सके। हम विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं। सभी व्यापारी इसके हेरीटेज लुक को बचाए रखने के पक्ष में हैं। जैसे इंदौर और जयपुर में किया जा रहा है।

पांच लाख रुपए मांग रहा था वकील, मात्र दो लाख में जमीन को छुड़वा लिया

महापौर मुकेश टटवाल का कहना है कि निगम की रीगल टाकीज की जमीन के केस को कोई नहीं देख रहा था। मैंने इसकी जानकारी हासिल की तो पता चला कि वकील पचास लाख रुपए मांग रहा है। उस वकील को हटाकर नए वकील को नियुक्त किया तो मात्र दो लाख रुपए में केस 25 साल बाद निगम जीत गया। रीगल टाकीज की योजना तैयार हैं।

यहां आधुनिक शापिंग माॉल और पार्किंग की जगह बनाई जाएगी। इसके अलावा जाल स्कूल और कानीपुरा की जमीन को मुक्त कराने की योजना पर काम कर रहे हैं। पूरे मामले को 25 साल हो गए हैं।

सभी लोगों के सुझाव पर योजना बनाएंगे- नगम निगम आयुक्त रौशन सिंह का कहना है कि निगम को एक बड़ी सफलता मिली है। रीगल टॉकीज की जमीन के विवाद में सुप्रीम कोर्ट में निगम केस जीत गया है। शहर के लोगों, जनप्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर योजना बनाकर इसका विकास किया जाएगा।

आधुनिक मॉल बनाने की योजना

पार्षद रजत मेहता का कहना है कि मैं इस मामले को लेकर लंबे समय से लगा हुआ था। मेरे वार्ड में एक मात्र सबसे बड़ा स्थान हैं। इसे विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। एक आधुनिक शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा।

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