परली स्थित ज्योतिर्लिंग से आज भी निकलती है अमृत की धारा

यात्रा से लौटकर अर्जुन सिंह चंदेल की कलम से

औंढा नागनाथ के बाद महाराष्ट्र में स्थित पाँच ज्योतिर्लिंग और मराठवाड़ा क्षेत्र में तीन ज्योतिर्लिंग में से एक और ज्योतिर्लिंग परली वैजनाथ की यात्रा पर हम आज आपको ले चलते हैं।

औरंगाबाद से लगभग 200 किलोमीटर दूर बीड़ जिले में परली ग्राम में स्थित होने के कारण इसे परली वैजनाथ कहा जाता है। बारह ज्योर्तिलिंगों के श्लोक अनुसार पाँचवें क्रम का ज्योर्तिलिंग परली वैजनाथ को बताया गया है जबकि शिव-पुराण अनुसार वैजनाथधाम झारखंड में स्थित देवधर ग्राम में बताया गया है।

महाराष्ट्र के परली गाँव के पास ही तीन नदियों ब्रह्मा, वेणु और सरस्वती नदियों का संगम भी होता है। मार्केण्डय जी को जीवनदान भी यहीं पर मिला था साथ ही परली के निकट नारायण पर्वत पर वह वटवृक्ष आज भी मौजूद है जहाँ पर सावित्री ने अपने पति सत्यवान की जान भगवान से वर माँग कर बचाई थी। इस ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक नगरी परली को कांतिपुर, वैजयंती जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

अमलेश्वर भी कहा जाता है

पौराणिक कथा अनुसार देव-दानवों के द्वारा किये गये समुद्र मंथन में से 14 रत्न निकले थे उन 14 में धनवंतरी और अमृत कलश भी था। दानवों से बचाने के लिये विष्णु भगवान ने धनवंतरी और अमृत कलश को भगवान शिव के लिंग स्वरूप के अंदर छिपा दिया जब दानव उस शिवलिंग से धनवंतरी और अमृत कलश को निकालने का प्रयास करते तो अग्नि की ज्वाला निकलने लगती थी और शिव भक्त उस शिवलिंग को स्पर्श करते तो अमृत वर्षा होने लगती थी। कहा जाता है कि इस घोर कलयुग में भी जो भक्त सच्चे मन से परली वैजनाथ स्थित शिवलिंग को स्पर्श करता है तो उसे अमृत की प्राप्ति होती है। इस शिवलिंग को अमलेश्वर व धनवंतरी भी कहा जाता है।

इसलिए पड़ा कहाए बैजनाथ

किसी समय परली ग्राम के चारों ओर आयुर्वेदिक औषधियों के घने वन थे और प्राचीन काल में वैद्य लोग भगवान शंकर के शिवलिंग के दर्शनों पश्चात ही जड़ी-बूटी लेने जाते थे चूँकि वैद्य लोग इसे पूजते थे इस कारण इस शिवलिंग का नाम वैजनाथ पड़ गया।

बगैर सूंड वाले गणेशजी

इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि यहाँ भगवान शंकर परिवार सहित विराजते हैं। माता पार्वती की मूर्ति भी है साथ ही विश्व में एकमात्र बिना सूंड वाले गणेश जी की मूर्ति भी यहाँ विराजित है जिसमें गणेश जी बॉडी-बिल्डर की तरह दिखते हैं। शिवलिंग के सामने तीन नंदियों की विशाल मूर्ति है चूँकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान यहाँ तीनों रूपों ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में है इसलिये उनकी सेवा में तीन नंदी विराजित हैं।

भगवान कृष्ण को यहां चढ़ती है बिल्व पत्र

इसे अनोखी काशी के नाम से भी जाना जाता है। एक कथा के अनुसार भारत में यह एकलौता स्थान है जहाँ शंकर के साथ कृष्ण भी मौजूद हैं। मंदिर के नजदीक हरिहर नामक तालाब से प्रतिदिन जल लाकर शिवलिंग की पूजा की जाती है। चैत्र पड़वा, वैकुण्ठ चतुर्दशी, त्रिकुर्णी पूर्णिमा, विजयादशमी, शिवरात्रि पर शिवलिंग की विशेष पूजा होती है जिसमें हरिहर तीर्थ का पानी चढ़ाने के बाद बिल्व पत्र के स्थान पर हरि को चढ़ाया जाने वाला तुलसी पत्र चढ़ाया जाता है और भगवान कृष्ण की मूर्ति पर तुलसी पत्र के स्थान पर बिल्व पत्र चढ़ाया जाता है।

12वीं सदी में निर्मित हेमाणकालीन मंदिर अद्भुत वास्तुकला का नमूना है। यादव राजाओं द्वारा इस मंदिर निर्माण के प्रमाण मिलते हैं। अपनी अनूठी और विविध विशेषताओं वाले इस मंदिर में पूर्व दिशा का दरवाजा इस प्रकार निर्मित किया गया है कि सूर्योदय की पहली किरण शिवलिंग पर पड़ती है। मंदिर के बाहर का सभामंडप सागवान की लकडिय़ों से बना होकर बिना खंबों का है। सन् 1706 में अहिल्याबाई होल्कर ने इसका पुननिर्माण करवाया।

शैव लिंगायत के लिये महत्वपूर्ण स्थान

कर्नाटक की सीमा से लगा होने के कारण वहाँ के शैव लिंगायत परंपरा के अनुयायियों के लिये यह स्थान महत्वपूर्ण है। मंदिर परिसर में ही 11 और ज्योर्तिलिंग भी विराजित है। हिंदु धर्म में इन 12 ज्योर्तिलिंगों को शक्तिपुंज के रूप में जाना जाता है एक अन्य मान्यता अनुसार वायु के बीच संघर्ष होने के कारण घर्षण से ज्योति उत्पन्न हुई और यह देश के 12 विभिन्न स्थानों पर गिरी और जिन बारह स्थानों पर गिरी वहाँ पर ज्योर्तिलिंग कहा जाने लगा।

आप भी यदि इस कलयुग में अमृत पाना चाहते हो तो महाराष्ट्र में परली स्थित भगवान शंकर के शिवलिंग को स्पर्श कर आइये यकीन मानिये आपको वहाँ जाने से पुण्य रूपी अमृत जरूर प्राप्त होगा।

जय भोलेनाथ

Next Post

पलटवार: 10 लाख रुपए नहीं देने पर युवती के परिजनों ने तोड़ा था रिश्ता

Sat Jan 23 , 2021
आरक्षक के पिता बोले, झॉसी एसपी को कर चुके हैं शिकायत उज्जैन, अग्निपथ। डीआरपी लाइन में पदस्थ आरक्षक पर दहेज के लिए शादी तोडऩे के आरोप पर शनिवार को आरक्षक के एएसआई पिता ने पलटवार किया। कहाकि युवती के परिजनों ने 10 लाख रुपए मांगे थे। नौकरी के लिए घूस […]