नि:स्वार्थ सेवाभाव की अनूठी मिसाल: पिता की स्मृति में कैंसर से लडऩे के लिए बनाया 1 करोड़ का नेम-वंदना सेवा ट्रस्ट

पेटलावद, अग्निपथ। आत्मिक संतुष्टि के लिए परमार्थ की सेवा सबसे सरल उपाय है। इसके लिए मन में इच्छा भी जरूरी है और कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो लाइलाज की श्रेणी में आती है। कई लोग ऐसे होते है जो पैसों की अपर्याप्तता के चलते उचित उपचार नही करवा पाते है और असमय अपनो को खो देते है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए इस पीढ़ा से आमजन व जरूरतमंद गरीब वर्ग को छुटकारा दिलाने के लिए बरबेटा परिवार ने बीड़ा उठाया है।

गोरतलब है कि नगर के समाजसेवी और उद्योगपति नेमकुमार बरबेटा का पिछले दिनों संथारा पूर्वक निधन हो गया। बरबेटा लायंस क्लब, जैन सोश्यल ग्रुप जैसी संस्थाओं से भी ताउम्र जुड़े रहे। पिता सेवा भावना को देखते हुए उनकी स्मृति में ट्रस्ट का गठन कर सेवा कार्य उनकी पत्नी वंदना, पुत्र सौरभ , अंकित ने पिता की अंतिम इच्छानुरूप केंसर पीडि़तों के उपचार में सहायतार्थ एक ट्रस्ट नेम – वंदना का गठन कर रविवार को इसकी घोषणा की। अपने पिता के सामाजिक कार्यों से प्रेरित होकर उनके द्वारा कमाई का कुछ हिस्सा परमार्थ की सेवा पर खर्च करने की दी गई सीख से प्रेरित होकर यह नेक कार्य शुरू किया है।

ट्रस्ट के गठन का यह है उद्देश्य

सौरभ व अंकित बरबेटा ने इस रविवार को संथारा महोत्सव के दौरान इस ट्रस्ट के गठन के उद्देश्य ओर इसके कार्य के बारे में विस्तार से बताया। दोनों भाइयों ने बताया कि ट्रस्ट कार्य क्षेत्र कोई सीमित नही है लेकिन पहली प्राथमिकता आदिवासी अंचल ओर उसका पेटलावद क्षेत्र होगा। जिसमें वे लायंस क्लब ओर जैन सोश्यल ग्रुप के माध्यम से ऐसे लोगो का चयन कर मेडिसिन सुविधा उपलब्ध करवाएंगे जिसे कैंसर जैसी भयानक लाइलाज बीमारी है। ऐसे परिवार जो पेसो के अभाव में अपनों का उपचार नही करवा पाते है उनके लिए यह ट्रस्ट मिल का पथर साबित होगी।

समाजजनों ने इस पहल को सराहा

संथारा महोत्सव में दोनों भाइयों की पिता की स्मृति में इस भावना और परमार्थिक कार्य को परिवार सहित नगर और इंदौर संभाग से आए सभी समाजजनों द्वारा सराहा गया। ट्रस्ट की इस राशि को समय समय पर ओर बढ़ाना है पत्नी वंदना, पुत्र सौरभ ओर अंकित का सपना है। संथारा महोत्सव के अवसर पर सभा का आयोजन किया गया।

जहाँ पोते आरव, अविराज बरबेटा ने दादा पोते के रिश्ते को लेकर भाव प्रकट किए। वही भतीजी पिंकी भंडारी, पोती चहेती बरबेटा द्वारा काका पिता दादा के रिश्ते के मर्म को कविता के रूप में बताया गया। अरविद मेहता रतलाम, लायंस क्लब पेटलावद सेंट्रल के अध्यक्ष यश रामावत, ओम भूतड़ा (इंदौर), स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष अनोखीलाल मेहता, विनोद बाफना मेघनगर, कमल चोपड़ा खवासा ने अपने भाव प्रकट किए। पूर्व विधायक निर्मला भूरिया , जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा, सीएमओ आशा भण्डारी विशेष रूप से मौजूद हुए। संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।

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