परिवार, राष्ट्र व समाज में उपयोग होना चाहिए शिक्षा का-राज्यपाल

विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उपाधि व गोल्ड मेडल प्रदान किए

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान करते हुए राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उपस्थित बच्चों सीख देते हुए कहा कि आज पढ़ाई पूरी होने के बाद अब अपने माता-पिता को कभी मत छोडऩा जीवन में आगे बढ़े, लेकिन मां-बाप को मत भूलो। यदि मां-बाप को नहीं भूले तो मातृभूमि को भी नहीं भूलोगे। राज्यपाल पटेल ने कहा विद्यार्थी ने आज जो अपने परिश्रम से शिक्षा प्राप्त की है। उसका समाज और राष्ट्र में उपयोग करें शिक्षा की पुण्य भावना ही आपकी अक्षय निधि बनेगी।

विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने की। समारोह के मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय उपाध्याय और विशिष्ट अतिथि साहित्यकार पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित थे। समारोह में संबोधित करते हुए राज्यपाल पटेल ने स्वच्छता और पौधारोपण के लिए भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता का ध्यान रखकर आप अपने शहर, प्रदेश और देश को स्वच्छ बना सकते हैं। उन्होंने पौधा रोपन करने का संदेश देते हुए कहा आज अंधाधुंध वृक्षों की कटाई होने से क्लाइमेट चेंज हो रहा है। अब धूप में भी बारिश हो रही है, जबकि प्रकृति ने हमें तीन मौसम दिए है गर्मी, ठंड और बारिश बदलते क्लाइमेट को देखते हुए अब पौधारोपण की ओर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने आव्हान किया कि सभी विद्यार्थी अपने जन्मदिन के दिन एक पौधा जरूर लगाए।

समारोह में भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय उपाध्याय ने दीक्षांत भाषण दिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि साहित्यकार पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित ने भी संबोधित किया। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान किया। समारोह में सबसे पहले राष्ट्रगान व कुलगान हुआ। राज्यपाल पटेल व अतिथियों द्वारा वाग्देवी के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम में उपकुल सचिव डॉ. रविशंकर सोनवाल, निश्चल यादव, डॉ.डीडी बेदिया सहित शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन निवेदिता वर्मा व दुर्गाशंकर सूर्यवंशी ने किया व आभार कुलसचिव डॉ.अनिल शर्मा ने माना।

राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय से पढऩे के बाद विद्यार्थियों को ऐसी छाप छोडऩा चाहिए कि आपकी पहचान विश्वविद्यालय से नही, बल्कि आपसे विश्वविद्यालय की पहचान हो। बहुत बड़ी बात है कि आपका आचरण ऐसा होना चाहिए कि मालूम पड़े कि यह इस विश्वविद्यालय से पढक़र आया है। उन्होंने विश्वविद्यालय को भी छात्रों के ज्ञान, शिक्षा, समस्याओं के समाधान करने की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा ईमानदारी से करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि मेरा मानना है कि शिक्षा जीवन यापन कौशल ज्ञान के साथ मनुष्य में आदर्श गुण का विकास करती है। भारतीय शिक्षा पद्धति में औपचारिक शिक्षा की शुरूआत तो आश्रम और गुरुकुल, समाज, परंपरा और त्योहार से प्राप्त होती है।

श्री कृष्ण की शिक्षा प्राप्त करने पर आधारित रंगोली देखी

राज्यपाल मंगुभाई पटेल विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर एनसीसी कैडेट्स व एनएसएस के जनजातीय अंचल के विद्यार्थियों के नृत्य दल द्वारा अगवानी की गई। समारोह के पहले राज्यपाल ने सम्राट विक्रमादित्य के मूर्तिशिल्प पर पुष्पांजलि अर्पित की। यही पर उन्होने ललित कला के विद्यार्थियों द्वारा रंगोली के माध्यम से सांदीपनि आश्रम में अध्ययनरत श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम को रंगोली से बनाई चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। बाद में राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह की वेशभूषा पहनकर कार्यपरिषद सदस्यों व संकायाध्यक्षों के साथ सामूहिक चित्रांकन कराया। इसके बाद दीक्षांत शोभायात्रा में शामिल होकर मंच तक पहुंचे।

शोभायात्रा में यह रहे शामिल

समारोह के पहले निकली अकादमिक शोभायात्रा में राज्यपाल व अतिथियों के अलावा कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, संजय नाहर, संजय वर्मा, कुसुमलता निगवाल, मंजूषा मिमरोट, वरूण गुप्ता, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. अचला शर्मा, अतिरिक्त संचालक एचएल अनिजवाल संकायाध्यक्ष डॉ. उमा शर्मा, डॉ. सोनल सिंह, हर्षा क्षीरसागर, डॉ.कामरान सुल्तान, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. एसके मिश्रा, डॉ. मंसूर खान, डॉ. अरूणा सेठी, डॉ.पुष्पेंद्र पांडे, डॉ. कमलेश दशोरा, विद्या परिषद के सदस्य डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ.धर्मेंद्र मेहता, डॉ. जगदीश शर्मा, डॉ. शैलेंद्र भारल, डॉ.नलिन सिंह पवांर, डॉ.ज्योति उपाध्याय शामिल थे। और जनजातीय संस्कृति को दर्शाने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में विशेष पोस्टर लगाए गए है। यहां पर विद्यार्थियों द्वारा सेल्फी ली गई।

विद्यार्थियों को उपाधि व स्वर्ण पदक प्रदान किए

दीक्षांत समारोह में पंजीकृत 180 विद्यार्थियों में 107 पीएचडी शोधकर्ता और 77 स्नातक एवं स्नातकोत्तर गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा उपाधि और गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। इनमें वर्ष 2023 के पीएच डी उपाधि धारकों को डिग्री और 2023 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा वर्ष 2023 की स्नातकोत्तर परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को उपाधियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए। समारोह में शामिल हुए दीक्षार्थियों ने पारम्परिक परिधान में पहना हुआ था।

विद्यार्थियों के लिए बनाए सेल्फी पाइंट

विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए सेल्फी के दो विशेष स्थान बनाए गए थे। भारत की विरासत।

दीक्षांत समारोह में शबाना को पीएचडी प्रदान

दीक्षांत समारोह में माकड़ोन के शासकीय महाविद्यालय में पदस्थ शबाना को पीएचडी की उपाधि कुलाधिपति मंगूभाई पटेल ने प्रदान की। श्रीमती शबाना ने अपना शोध इनफोर्मेसन सिक्यूरिटी विषय से सम्बंधित विषय पर किया था. श्रीमती शबाना ने अपना शोध कंप्यूटर विज्ञानं विषय के संकाय अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार सिंह के निर्देशन में किया है. डॉ. सिंह के निर्देशन में डॉ. शबाना के 5 शोध पत्रों का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकायो में हुआ एवं उनके रिसर्च से सम्बंधित 5 रिसर्च कार्यो को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से पेटेंट प्राप्त हो चूका है. डॉ. शबाना को इंजीनियरिंग संकाय के अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञानं विषय में शोध उपाधि प्राप्त होने पर इंजीनियरिंग संकाय के संकायअध्यक्ष, कम्पूटर विज्ञान के निदेशक , समस्त शिक्षको परिवार के सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया।

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