सीएम बोले- राहुल गांधी राजनीति के लायक नहीं

उज्जैन में कहा- उन्होंने महुआ खाकर बता दिया उनके क्या शौक हैं; सिंघार ने दिया जवाब

उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को उज्जैन में कहा, राहुल गांधी राजनीति के लायक नहीं हैं। वे जबरदस्ती के नेता हैं। उन्होंने महुआ खाकर बता दिया है कि उनके क्या शौक हैं।

मीडिया के सवाल, राहुल गांधी आदिवासी इलाकों में लगातार घूम रहे हैं? इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, अगर उन्हें महुआ बीनना और खाना ही है तो हम उनका स्वागत करेंगे। उधर, सीएम के इस बयान पर भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, जितनी भर्त्सना की जाए कम है।

पटवारी बोले- मुख्यमंत्री को आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, शर्म आती है मुझे मुख्यमंत्री की मानसिकता पर, छिंदवाड़ा में एक व्यक्ति की दरखास्त मिलने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां से हमारा न तो विधायक है, न सांसद, हम क्यों काम करें। ऐसा मुख्यमंत्री मोदी जी ने मध्यप्रदेश को दिया है। वे विधायकों और जनता के नहीं, पर्ची के मुख्यमंत्री हैं। अब उन्होंने आदिवासियों का अपमान कर दिया, जो महुआ से अपना जीवनयापन करते हैं। मोहन यादव को आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

रतलाम कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत कई नेता बीजेपी में शामिल

उज्जैन के लोकशक्ति भवन में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आज कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हुए। रतलाम जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश जी पटेल, अजनार के कांग्रेस नेता सुरपाल सिंह, जोबट के आनंद भाई शाह, आईटी सेल प्रदेश सचिव युवक कांग्रेस शुभम पाटीदार, मुंदडी ब्लॉक अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी जॉइन की। सीएम ने कहा कि हमारा परिवार रोज बढ़ता जा रहा है।

शहडोल से उमरिया जाते समय राहुल ने महुआ के फूल बीने, चखे

कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मध्यप्रदेश में महुआ के फूल बीने। वे शहडोल से उमरिया जा रहे थे। रास्ते में आदिवासी महिलाओं को महुआ बीनते देख काफिला रुकवाया और उनसे बातचीत की। राहुल ने कुछ महुए बीने और चखकर भी देखे।

Next Post

अर्जुन के बाण: दलबदलुओं से भाजपा के अपवित्र होने की संभावना

Thu Apr 11 , 2024
अर्जुन सिंह चंदेल चुनाव का मौसम आते ही ‘आयाराम-गयारामों’ के शरीर में उनकी अंर्तचेतना जागृत हो जाती है। यह आयाराम-गयाराम आत्मा की आवाज पर अपनी मातृ संस्था को अलविदा कहकर दूसरे दल में प्रवेश कर जाते हैं। कई आत्माएं तो इतनी पवित्र होती है कि वह कई बार चोला (यानि […]