नलखेड़ा। देश सहित पूरे प्रदेश में कोविड-19 प्रकोप के चलते प्रतिदिन कोविड-19 से पीडि़त मरीजों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा होता जा रही है। साथ कोविड-19 से पीडि़त लोगों के जो मौत के आंकड़े आ रहे हैं वह भयावह स्थिति का एहसास दिला रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उक्त बातों को नजरअंदाज करते हुए नगर में मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का प्रयास ही नहीं कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में सैकड़ों लोग कोविड-19 के शिकार हो गए हैं। कुछ तो कोरोना को हराकर घर आ गए हैं व कुछ अभी भी उपचाररत हैं। नगर व क्षेत्र में भी कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी नगर में मास्क पहनना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कहीं से कहीं तक दिखाई नहीं दे रहा है।
नगर की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि शायद यहां कोरोना वायरस का प्रभाव ही नहीं है। क्योंकि बाजारों में बिना मास्क पहने उमड़ रही लोगों की भीड व दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है। यहां तक की नगर में अभी तक रोको टोको अभियान भी नहीं चलाया गया है।
अभी कुछ दिनों पूर्व ही हुई शांति समिति की बैठक में अनुविभागीय अधिकारी से लगाकर स्थानीय स्तर के तमाम अधिकारी उपस्थित थे। जिन्होंने शांति समिति के सदस्यों के सामने बिना मास्क के घूमने वाले लोगों पर अर्थदंड व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर भी जुर्माने की कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन बैठक के एक पखवाड़े से अधिक समय बीतने के बाद भी प्रशासन के किसी भी अधिकारी द्वारा बाजार में निकलकर बगैर मास्क पहने लोगों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों को टोका भी नहीं है।
औपचारिकता के लिए 1 दिन निकले थे सभी अधिकारी
अधिकारियों द्वारा शांति समिति की बैठक के अनुसार सभी प्रमुख चौराहों पर प्रात: 11 पुलिस सायरन बजाने व उसके बाद बिना मास्क पहनकर बाजार में घूमने वाले लोगों पर जुर्माने की कार्रवाई व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की बात कही गई थी। लेकिन शांति समिति की बैठक के दूसरे दिन के बाद बाजार में कहीं भी कोई अधिकारी नहीं दिखे, जो बगैर मास्क पहने लोगों व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर कार्रवाई कर सकें। नगर में जिस प्रकार के हालात दिख रहे हैं उससे तो ऐसा लग रहा है कि कभी भी नगर में कोरोना का बम फूट सकता है। उसके बाद ही शायद प्रशासन जागेगा।