समाज को एकता के सूत्र में पिरो कर रखना आवश्यक

आदि शंकराचार्य जी के दर्शन और सांस्कृतिक एकता पर केंद्रित व्याख्यानमाला सम्पन्न

उज्जैन, अग्निपथ। अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती सप्ताह के पावन अवसर पर रविवार 8 मई को आदि शंकराचार्य जी के दर्शन और सांस्कृतिक एकता पर केंद्रित व्याख्यानमाला का म.प्र.सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान,भरतपुरी उज्जैन में आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता-सारस्वत उद्बोधन-स्वामी असंगानंद जी महाराज (जगतगुरु शंकराचार्य जी के प्रतिनिधि) असंग आनंद आश्रम उज्जैन, स्वामी आनंदजीवन दास जी महाराज स्वामीनारायण आश्रम त्रिवेणी उज्जैन, आचार्य अखिलेश जी महाराज वागर्थ पीठाधीश्वर उज्जैन, मुख्य अतिथि माखन सिंह चौहान अध्यक्ष मप्र तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण मप्र शासन, कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विभाष उपाध्याय उपाध्यक्ष राज्यमंत्री म.प्र.जन अभियान परिषद, सचिन शिंम्पी जिला समन्वयक के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ ।

दर्शन सभा को संबोधित करते हुए सारस्वत वक्ता असंग आनंद जी महाराज द्वारा कहा गया कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है””के प्रकाशक होकर स्वयं को चैतन्य करना वेदों का अध्ययन कर हमारे जीवन को परमात्मा में लगाना भगवान शंकर के अवतार जगतगुरु आदि शंकराचार्य जी ने राष्ट्रहित तथा आध्यात्मिक धार्मिक प्रणेता के रूप में अपने आप को स्थापित कर संपूर्ण मानव जाति को उपदेश दिया है आपके द्वारा वेदांत रहित जीवन को राष्ट्रहित सर्वोपरि कहा गया है। ब्रह्म एकता एवं भक्ति भाव स्थापित किया गया है इसी का आशय यह होता है कि समाज को एकता के सूत्र में पिरो कर रखना।

स्वामी आनंद जीवन दास स्वामीनारायण मंदिर के संत द्वारा कहा गया कि आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा धर्म का प्रचार हो इसलिए पूरे भारतवर्ष की पैदल परिक्रमा कर चार मठ स्थापित किए हैं शंकराचार्य ने सनातन संस्कृति को भौगोलिक रूप से जोड़े रखने के लिए पश्चिम में शारदापीठम (द्वारिका पीठ), उत्तर में ज्योतिर्मठ पीठम (बद्रीनाथ), पूर्व में गोवर्धन मठ (पूरी) एवं दक्षिण में श्रिंगेरी मठ (कर्नाटक) की स्थापना कर अपने चार शिष्यों जो कि चार वर्णों से थे को अलग अलग वेद सौंप कर उन्हें मठाधीश नियुक्त किया।

मेरी संस्कृति.मेरा देश.मेरा अभिमान जो आज हमारे दर्शन के केंद्र हैं तथा हम सब इन मंदिरों में अपनी श्रद्धा भाव रखते हुए दर्शन पाने के योग्य हुए हैं परंतु मानव को अपने जीवन में राष्ट्रहित एवं सामाजिक सरोकार आध्यात्मिक धार्मिक होकर जीवन यापन करना चाहिए
अखिलेश जी महाराज वागर्थ तीर्थ द्वारा कहा गया कि राम एवं कृष्ण के अवतार लेकर राष्ट्र सृजन की जो सदा प्रेरणा हमारे शास्त्रों में हैं वही सनातन धर्म निष्ठा को प्रतिष्ठा में प्रतिपादित करता है अपने दायित्व का निर्वाह कर व्यवहार और व्यक्तित्व अच्छा होना चाहिए। सूर्य चंद्रमा अपने-अपने समय अनुसार सभी को प्रकाशमान करते हैं वह किसी को भी भेदभाव नहीं करते इसलिए मनुष्य मात्र को अपने सभी लोगों को अपनाना चाहिए।

माखन सिंह चौहान द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य की शंकर की परंपरा हिंदू राष्ट्र के लिए आवश्यक है। उनके मार्गदर्शन में हम सबको एक नई दिशा मिली है जिसको हम भली-भांति रूप से पहचानते हैं इसलिए हमको उसका अनुसरण करना चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री विभाष उपाध्याय उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद ने कहा कि समाज को सही दिशा देने के लिए ऐसेमहापुरुषों का स्मरण करना आवश्यक है। आपने परिषद के द्वारा मनाए जा रहे शंकर व्याख्यानमाला को पूरे मध्यप्रदेश में सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है आपने कहा कि सामाजिक एवं ग्रामीण परिवेश तक इन सब बातों का पहुंचना आवश्यक है जिससे कि हमारा राष्ट्र चिंतन की परंपरा पुन: जागृत होगी एवं सभी इसका अनुसरण करते रहेंगे आने वाली पीढ़ी को हमें यह सब प्रदान करना है ।

कार्यक्रम का प्रारंभ आदि गुरु शंकराचार्य जी की एवं ज्ञान की देवी सरस्वती का पूजन अर्चन कर महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा संचालित वैदिक संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्तिवाचन एवं गुरु मंत्र प्रस्तुत किया अतिथियों का स्वागत प्रस्फुटन समिति के पदाधिकारी द्वारा किया गया। तत्पश्चात सामाजिक समरसता का भाव रखते हुए परिषद की ओर सम्मानित अतिथियों द्वारा नगर समाज अध्यक्षों का ब्राह्मण समाज पंडित नारायण उपाध्याय धर्माधिकारी पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मोहनलाल गहलोत बेरवा समाज, रामचंद्र कोरट वाल्मीकि समाज प्रतिनिधि ,हजारी लाल मालवीय अध्यक्ष मालवीय समाज,अध्यक्षों का शाल श्रीफल वरिष्ठ जन समिति के अध्यक्ष महेश ज्ञानी, डॉक्टर संतोष पंड्या निर्देशक कालिदास अकादमी पंडित अशोक शर्मा अध्यक्ष महाकालेश्वर पुरोहित समिति प्रोफेसर डॉक्टर कुशवाह माधव कॉलेज का माला से सम्मान किया गया एवं ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति अध्यक्ष/ प्रतिनिधियों को द्वारा अपने ग्राम गोंदिया,मगरिया, आलमपुर उड़ाना,भंवरी, जवासिया कुमार में पुस्तकालय स्थापित करने के लिए परिषद की ओर से रामचरितमानस माननीय अतिथियों द्वारा भेंट की गए। इस अवसर पर वरिष्ठ जन सामाजिक कार्यकर्ता पेंशनर एवं अनेकों सामाजिक संगठन एवं ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति ने कार्यक्रम में सहभागिता की कार्यक्रम का संचालन डॉ राजेश रावल कवि द्वारा किया गया एवं आभार विकासखंड समन्वयक अरुण व्यास द्वारा माना गया।

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