कचरे के ढेर में मिली दवाइयां, दो महिला नर्सिंग अफसर सहित तीन निलंबित

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धार, अग्निपथ। सफाई के दौरान ओपीडी कक्ष से कुछ दवाएं कचरे में फिकवा देने के मामले में जिला अस्पताल में कार्यरत तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। बडी मात्रा में दवाईयां जांच के दौरान जिला स्तर की एक टीम द्वारा जप्त भी की गई, इसके बाद ओपीडी कक्ष की इंचार्ज सहित फामेसिस्ट के बयान दर्ज हुए। पिछले साढ़े चार माह से चल रही जांच के बाद रिपोर्ट क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं इंदौर को सौंपी गई। जिसके बाद अब इंदौर से इस मामले में कार्रवाई हुई है। जिसमें नर्सिंग ऑफिसर आरती वर्मा, रीता गेहलोत सहित फार्मसिस्टं रीना जैन को निलंबित कर दिया गया है।

दरअसल 13 अक्टूबर 2022 को जिला अस्पताल में दवाईयों के इस्तेमाल को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई थी। यहां मरीजों को निशुल्क बांटी जाने वाली दवाएं कचरे में फैंक दिया गया था। जिसमें दर्द-बुखार, शुगर, दस्त, इंफेक्शन, एसिडिटी सहित अन्य बीमारियों में उपयोग आने वाली दवाईयां थी।

यह दवाईयां सर्जिकल वार्ड के पीछे बने पीएम रुम के सामने कचरे के अडडे पर देखी गई थी। मामले की सूचना के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया व सीएमएचओ डॉ शिरिष रघुवंशी अस्पताल पहुंचे तथा कचरे के अडडे का निरीक्षण किया गया। इस दौरान भी दवाईयां मौके पर पडी हुई थी। शुरुआत पूछताछ में यह बात सामने आई कि सभी दवा एक्सपायर हो गई हैं, इसी आधार पर फैंका गया था।

कमेटी ने जप्त की दवाईयां

दवाइयों को लेकर हुई लापरवाही की बात सामने आने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश व सीएमएचओ के मार्गदर्शन में पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई। कमेटी मौके पर पहुंची व ढेर में पडी हुई 40 अलग-अलग प्रकार की दवाइयों को जप्त किया गया। विभागीय जांच में यह बात सामने आई कि दवाइयों का पूरा स्टॉक मुख्य ओपीडी को सौंपा गया था। जहां से ही दवाईयां कचरे तक पहुंची थी।

इस मामले में सिविल सर्जन द्वारा ओपीडी की नर्सिंग ऑफिसर सहित फार्मासिस्ट को नोटिस जारी किया था। सिविल सर्जन को कर्मचारियों से मिले जवाब पूर्णत समाधानकारक नहीं पाए जाने पर धार से जांच रिपोर्ट इंदौर पहुंची थी।

पूरा बॉक्स चेक नहीं किया गया

क्षेत्रीय संचालक डॉ. शरद गुप्ता ने चर्चा में बताया कि धार से आई रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। नर्सिंग ऑफिसर आरती वर्मा व रीता गेहलोत का दायित्व था कि ओपीडी इंचार्ज द्वारा भेजी गई दवाइयों की छंटनी कर उपयोगी दवाईयों को दवाई वितरण केंद्र में व्यवस्थित रखना चाहिए था। दोनों नर्सिंग ऑफिसर द्वारा दवाईयों की जांच करने पर कुछ दवाईयां एस्पायरी थी, जबकि पूरा बॉक्स चेक नहीं किया गया एवं 13 अक्टूबर को कर्मचारी भेरु मावी से कहा गया कि दवाईयां चेक कर ली गई है।

इन्हे बॉक्स से निकालकर थैली में भरकर पीछे ट्राली में फैंक दो। वहीं फार्मासिस्ट रीना जैन का यह दायित्व था कि ओपीडी इंचार्ज द्वारा भेजी गई दवाईयों में से अवसान तिथि की दवाइयों को पृथक कर, उपयोगी दवाईयों को वितरण केंद्र में व्यवस्थित किया जाना था, किंतु ऐसा नहीं किया गया। जिसके चलते ही तीनों कर्मचारियों को निलंबित किया गया।
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