झारड़ा, स्वस्तिक चौधरी। दिन प्रतिदिन वाहनों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ नगर के मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति भी बढऩे लगी है। कोरोना का प्रकोप कम होने से धीरे-धीरे जन जीवन पटरी पर लोटता नजर आने लगा है। जिसके चलते धीरे-धीरे आमजन अपने कार्यक्रम भी करने लगे है। साथ ही बस ट्रैक्टर दो पहिया वाहनों का उपयोग कर बाहर भी आने जाने लगे है। धीरे-धीरे बाजार भी गुलजार होने लगे है। जिसके चलते नगर के इन्दौख चोपाटी गेलाखेड़ी मार्ग बमनई रोड पर आए दिन जाम लगता दिखाई देने लगा है।
थाना झारड़ा इन दिनों उदासीनता के दौर से गुजर रहा है। यहाँ पदस्थ अधिकारी कर्मचारी कुंभकर्णी निद्रासन में सोए हुए है। उन्हें नगर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था से कोई फर्क ही नहीं पड़ता। वे तो केवल अपने निजी हित साधने में व्यस्त है। नगर के मुख्य बाजार एवं मार्ग पर दिन में भी एक भी जवान अपना कर्तव्य निभाते दिखाई नहीं देना समझ से परे है। नतीजन आए दिन जाम लगकर नोकझोक के साथ आवागमन बाधित हो रहा है और क्षेत्रवासी सहित राहगी परेशान होते दिखाई दे रहे है।
भारी वाहन बिगाड़ रहे यातायात व्यवस्था
क्षेत्र में दिनोंदिन चौपहिया व भारी वाहनों का तेजी से इजाफा होने लगा है। साथ ही माल उतारने से लेकर सवारी बैठाने की होडज़ोड़ में शहर की यातायात व्यवस्था बिगाड़ के रख दी है। घंटों तक मुख्य मार्ग को आधा घेर कर बसें खड़ी रखने से वाहनों का जाम लगना आम बात हो गई है। इन्दौख, चौपाटी, बमनई रोड, गणेश चौक के हाल-बेहाल है।
जिलाधिकारी का मोह हुआ भंग
जब नवागत जिला कप्तान ने जिले की बागडोर संभाली है। तब से लेकर आज तक झारड़ा महिदपुर थाना क्षेत्र का भ्रमण कर जायजा ही नहीं लिया। साथ ही संबंधित जिम्मेदारों को व्यवस्था बनाने हेतु मार्गदर्शन भी नहीं मिला। इसी के चलते स्थानीय पुलिस विभाग उदासीनता का अखाड़ा बनकर ही रह गया। जिले के ग्रामीण अधिकारी भी जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रमों के अलावा झारड़ा में कभी भ्रमण आते ही नहीं। जबकि पुलिस विभाग और शासन के नियमानुसार समय समय पर अंचल में दौरा करना अनिवार्य है।