भाजपा के लिये अग्नि परीक्षा साबित होंगे आगामी 9 माह में होने वाले 5 राज्यों के चुनाव

देश के पाँच राज्यों उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनावों के लिये उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। राजनेताओं ने अपने-अपने दलों के लिये चुनावी बिसात पर मोहरें जमाना शुरू कर दिया है। पंजाब, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड में मार्च 2022 तक तथा उत्तरप्रदेश में मई 2022 तक चुनाव होना है।

उत्तरप्रदेश की वर्तमान 17वीं विधानसभा के लिये आम चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में आयोजित हुए थे। इन चुनावों में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने 312 सीटें जीतकर तीन-चौथायी बहुमत प्राप्त किया था। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबंधन को 54 सीटें और मायावती की बहुजन पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

कभी वर्षों तक उत्तरप्रदेश में राज करने वाली काँग्रेस पार्टी को मात्र 7 ही सीटें मिल पायी थी। देश की सबसे ज्यादा विधानसभा एवं लोकसभा सीटों वाले राज्य में मतदाताओं की संख्या 14.66 करोड़ है यह मतदाता 403 विधायकों के सिर पर ताज पहनाते हैं। 1 विधायक जो कि एँग्लो इंडियन समुदाय से होता है उसे नामांकित किया जाता है।

वर्तमान में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ सत्तासीन है। सबसे ज्यादा बैचेनी और घबराहट भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में उत्तरप्रदेश को लेकर ही है। बिहार और पश्चिम बंगाल में अपेक्षाकृत परिणाम ना आने के साथ ही योगी आदित्यनाथ के प्रति उत्तरप्रदेश की जनता की नाराजगी जिसका ट्रेलर अभी हाल ही में वहाँ हुए पंचायत चुनावों के परिणामों से देखने को मिल ही गये हैं। इससे भाजपा के माथे पर चिंता की लकीरें आना स्वाभाविक ही है।

अयोध्या जैसे स्थानों पर भाजपा की करारी हार यह बताती है कि उत्तरप्रदेश के आगामी चुनाव में बहुमत लाना भाजपा के लिये अब दूर की कौड़ी होगा, भाजपा से नाराजगी का सीधा लाभ समाजवादी पार्टी को मिलने की पूरी-पूरी संभावना है, काँग्रेस तो 7 सीटों पर भी विजय पा ले तो बहुत बड़ी बात होगी। बहुजन समाजवादी पार्टी का जादू भी अब खत्म जैसा ही है क्योंकि मायावती जी के लहजों में अब वह पहले जैसा आक्रामक तेवर नहीं रहा।

2 करोड़ मतदाताओं वाले पंजाब में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह के कारण काँग्रेस पार्टी अपनी इज्जत बचाने में कामयाब हो सकती है। वर्तमान 117 सदस्यीय विधानसभा में काँग्रेस के 77, आप पार्टी के 20, भारतीय जनता पार्टी के 3, शिरोमणि अकाली दल के 15 एवं 5 अन्य दलों के विधायक हैं। केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाये गये कृषि कानूनों के विरोध में किसानों से टकराव अभी तक जारी है, किसानों से नाराजगी का नुकसान भाजपा को होना तय है जिसका सीधा-सीधा लाभ काँग्रेस और आप पार्टी को मिलना तय है।

वैसे भाजपा के पास पंजाब में कुल 3 सीटें है उसके पास खोने को कुछ नहीं है परंतु उसकी पूर्व सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल को नुकसान उठाना पड़ सकता है। कैप्टन के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहना लगभग तय है।

1.19 करोड़ मतदाताओं वाले उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटे हैं। देश में कोरोना महामारी के विशाल रूप लेने में हरिद्वार में आयोजित कुंभ को भी अनेक लोगों द्वारा एक कारण बताया जा रहा है। वर्ष 2017 के चुनाव में अन्य राज्यों की तरह यहाँ भी भाजपा ने अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए 70 में से 57 सीटों पर अपना परचम फहरा दिया था।

पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के प्रति नाराजगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के ऊल जलूल बयानों की बदौलत वहाँ पर भाजपा के लिये खतरा दिखायी पड़ रहा है पिछले चुनाव में मात्र 11 सीटें पाने वाले काँग्रेस के लिए बिल्ली के भाग्य से छींका फूटा वाली कहावत चरितार्थ हो सकती है।

60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर के 19.58 लाख मतदताओं ने वर्ष 2017 के चुनाव में 28 सीटों पर काँग्रेस को तथा 21 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी एवं 11 सीटों पर अन्य को विजयी बनाया था सबसे बड़ा दल होने के बावजूद काँग्रेस सरकार बनाने में सफल नहीं हो पायी थी और भारतीय जनता पार्टी ने अन्य दलों को साथ लेकर सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली थी।

सरकार पर कई बार संकट भी आये परंतु सभी संकटों से निकलने में भाजपा को सफलता मिली और नाँगयोम्बम बीरेन सिंह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज है मणिपुर में मुकाबला काँटाजोड़ होने की पूरी-पूरी संभावना है परिणाम दिलचस्प होंगे।

मात्र 11.45 लाख मतदाता और 40 विधानसभा सीटों वाली गोवा विधानसभा 2017 के चुनाव में 28.4 मतों के साथ काँग्रेस को 17 सीटें, 32.5 प्रतिशत सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी को 13 सीटें, महाराष्ट्रवादी गोमांसक पार्टी को 3 एवं निर्दलियों को 3 तथा राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी को 1 सीट मिली थी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी काँग्रेस वहाँ सरकार नहीं बना पायी थी और भाजपा ने साम-दाम-दंड का उपयोग करके सत्ता हथिया ली थी वर्तमान में भाजपा के प्रमोद सांवत वहाँ के मुख्यमंत्री हैं, गोव के चुनाव परिणामों में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना कम नजर आ रही है वहाँ पर काँग्रेस या भारतीय जनता पार्टी अन्य दलों की मदद से ही सरकार बना पायेंगे।

पाँच राज्यों के 17.84 करोड़ मतदाता भारतीय जनता पार्टी का भविष्य तय करेंगे। भाजपा के लिये यह अग्नि परीक्षा है जिसकी तपन से 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों की धुंधली तस्वीर भी देखने को मिल सकती है।

– अर्जुनसिंह चंदेल

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