हम चुप रहेंगे (20 दिसंबर 2021)

ख्वाब…

अपने पंजाप्रेमी चरणलाल जी के खास समर्थक है। जिन्होंने अध्यक्ष बनने का ख्वाब देखा है। वैसे वह 14 महीने की सरकार में, 40 पेटी देकर एक बैंक के अध्यक्ष बने थे। अब उनकी नजरे दमदमा के ग्रामीण भवन की तरफ है। जहां पर अभी तक अपने छोटे चरणलाल जी विराजमान थे। अगर सीट सामान्य होती है। तो समर्थक अध्यक्ष का ख्वाब देख रहे है। मगर मुसीबत अपने बिरयानी नेताजी से है। जो उनके ख्वाब में रोड़ा बन रहे है। पंजाप्रेमी बोल रहे है कि किसी भी हालात में चरणलाल जी को पॉवरफूल नहीं होने देंगे। अपने बिरयानी नेताजी। देखना यह है कि अगर सीट सामान्य होती है तो बिरयानी नेताजी रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाते है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

निर्देश …

अपने उम्मीद जी के आदेश/ निर्देश का भी पालन नहीं होता है। खासकर बाबा महाकाल के दरबार में। ऐसी चर्चा इन दिनों मीडिया में सुनाई दे रही है। इशारा … मीडियाकर्मियों के प्रवेश से जुड़ा है। जिसको लेकर मंदिर के फूलपेंटधारी ने नई व्यवस्था लागू की है। पहले पास बनवाओं- फिर अंदर जाओं। जिसको लेकर मीडिया ने अपने उम्मीद जी के समक्ष नाराजगी दिखाई थी। पिछले सोमवार को। उम्मीद जी ने तत्काल फोन पर निर्देश दिये थे। नई व्यवस्था बंद करो। मीडियाकर्मी खुश हो गये। मगर, अगले दिन फूलपेंटधारी ने साफ मना कर दिया। उम्मीद जी के निर्देशों का पालन नहीं हुआ। मीडिया तो यही बोल रही है। बाकी हमको अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

उगरानी …

यह घटना उस विभाग की है। जहां पर हमेशा 11 से 21 हजार वोल्ट का झटका लगता रहता है। 21 हजार वोल्ट की झटके वाली यह खबर है। जिसमें विभागीय मंत्री के नाम पर 30 पेटी की उगरानी की गई है। उगरानी करने वाले 7 जिलों के मुखिया है। उन्होंने शादी के नाम पर सभी जिलो से उगरानी कर ली। नतीजा … किसी दिल जले ने आथर््िाक अपराध वालों को शिकायत कर दी है। सोशल मीडिया ग्रुपों पर यह शिकायत और उगरानी की पोस्ट खूब चल रही है। शिकायत तक का मजमून भी अपलोड हुआ है। झटके वाले विभाग के अधिकारी भी दबी जुबान में स्वीकार कर रहे है। उगरानी हुई है। मगर उस कहावत को भी ध्यान में रखे है। तालाब में रहकर … मगरमच्छ से बैर कौन करे। इसलिए सभी चुप है। तो हम भी अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

किसान …

इस शीर्षक का अर्थ हमारे पाठक समझते है। अपने मामाजी, किसान को अन्नदाता कहते है। अन्नदाता है तो जमीन भी होना जरूरी है। तभी तो वह किसान कहलायेंगा और उपज पैदा करेंगा। मगर कमलप्रेमियों का एक संगठन है। किसान के नाम पर। जिसका मुखिया, एक ऐसे कमलप्रेमी को बना दिया गया। जिसके पास ना तो जमीन है… ना खेती किसानी का अनुभव। इसके बाद भी उनको किसान संगठन का मुखिया बना दिया। नतीजा … कमलप्रेमी किसान नेतागण नाराज है। मगर कर कुछ नहीं सकते है। इसलिए इधर-उधर अपनी भडास निकाल रहे है। नियुक्ति पर सवाल उठा रहे है। जिससे हमें क्या लेना-देना। हमारा तो काम है बस, अपनी आदत के अनुसार चुप रहना।

हटाया …

पिछले सप्ताह एक अनोखी घटना अचानक हुई। न्याय देवता को हटाने की। अचानक आये इस फरमान से हडक़ंप मचना ही था। जो कि खूब मचा। जिसके बाद कयास लगाये जाने लगे। तरह-तरह की चर्चा चल पड़ी। जिसमें एक चर्चा यह थी कि … न्याय देवता को एक शादी समारोह में 120 मिनिट तक ठहरने के चलते हटाया गया। वहीं एक चर्चा यह भी सुनाई दी कि … एक जमीन को लेकर, किसी फार्म हाऊस में बैठक हुई। जिसकी वीडियों और फोटो शिकायत के रूप में ऊपर तक पहुंच गई। नतीजा… तत्काल फैसला हुआ और न्याय देवता को हटा दिया। अब यह सब चर्चा सही है- गलत है? इसकी पुष्टि तो कोई नहीं कर रहा है। बस कालाकोट धारियों में चर्चा है। जो सच और झूठ दोनों हो सकती है। मगर, हमको तो आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

दूरी …

अजीब बात है। कोई इंसान हर सप्ताह 700-800 किलोमीटर दूर जाये। मगर, इतने बड़े मेले का आयोजक होने के बाद भी, अधिकत्तम 3 किलोमीटर की दूरी तय करने में हिचकिचाए? आखिर इसके पीछे क्या वजह हो सकती है। यह सवाल इन दिनों शिवाजी भवन में खूब सुनाई दे रहा है। इशारा अपने पपेट जी की तरफ है। जो कि केवल शुभारंभ के मौके पर गये थे। उसके बाद उन्होंने आज तक पलटकर मेले की तरफ झांका भी नहीं है। जबकि 3 किलोमीटर की दूरी है। अब इसके पीछे कारण क्या है? इसका राज तो अपने पपेट जी ही बता सकते है, क्योंकि हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

जलवा …

दमदमा के अपने छोटे चरणलाल जी ने अपना जलवा दिखा दिया। वह भी केवल 2 फोन करके। चुनाव नजदीक है। जिसको लेकर कुछ प्रमाण-पत्र जारी होने थे। 3 दिन से पेंडिग थे। अपनी घमंडी मैडम को फुर्सत ही नहीं थी। प्रमाण-पत्र जारी करने की। नतीजा भावी प्रत्याशी परेशान हो रहे थे। तब अपने छोटे चरणलाल जी ने जलवा दिखाया। शनिवार को केवल 2 फोन किये। पहला अपने उम्मीद जी को तो दूसरा 7 जिलो के मुखिया को। नतीजा सकारात्मक निकला। 10 मिनिट में अपनी मैडम हाजिर हो गई। सभी रूके हुए प्रमाण-पत्र जारी हो गये। प्रत्याशी भी खुश हो गये। अब सभी अपने छोटे चरणलाल जी के जलवे की तारीफ कर रहे है। तो हम भी उनकी इस सक्रियता की बधाई देते हुए, अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

सुर का आंगन …

संगीत के 7 सुर होते है। सभी को पता है। मगर, यह किसी को नहीं पता है। सुर के आंगन में कितनी गंदगी फैली है। तभी तो बात वर्दी तक पहुंच गई थी। संगीत प्रेमी तो यही बोल रहे है। एक गायिका से जुड़ी घटना है। जिनको लेकर गंदी फब्तियां की गई थी। सोमरस के सेवन के दौरान। उस वक्त गायिका के एक समर्थक ने इसको रिकार्ड कर लिया। फिर गायिका को भेज दिया। नतीजा … गायिका ने वर्दी को शिकायत कर दी। मुसीबत धाराओं में तब्दील होती, उसके पहले माफी मांगकर मामला निपटा लिया। जिसके बाद गायिका ने उस ग्रुप का साथ ही छोड़ दिया। ऐसी चर्चा संगीत प्रेमियों के बीच सुनाई दे रही है। मगर हमको तो आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

नौटंकी …

यह तस्वीर कमलप्रेमियों का असली दु:ख उजागर कर रही है। जिसमें यह सभी श्रद्धांजलि की नौटंकी करते नजर आ रहे है। तस्वीर अपलोड होने के बाद, एक कमलप्रेमी को यह बात अखर गई। उन्होंने सोशल मीडिया पर सब्जेक्ट और आब्जेक्ट की विसंगति को लेकर पोस्ट अपलोड कर दी। नतीजा … कमलप्रेमी अब श्रद्धांजलि को नौटंकी का नाम दे रहे है। कमलप्रेमियों की बात में दम है। लेकिन हमको तो अपनी आदत के अनुसार चुप ही रहना है।

चाल …

हालांकि अभी पंचायत चुनाव का रिजल्ट आने में समय है। मगर पंजाप्रेमियों ने अभी से ठान लिया है। दमदमा के ग्रामीण भवन को प्लेट में सजाकर, कमलप्रेमियों को देना है? सभी तो अपने बिरयानी नेताजी ने फोन लगाना शुरू कर दिये है। उन सभी को, जो पंजाप्रेमी अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लडेंगे। केवल बदबू वाले शहर को छोडक़र, बाकी सभी तहसीलों पर विरोधियों को बोला गया है। फार्म भरना है। अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ। यह हम नहीं, बल्कि पंजाप्रेमी ही बोल रहे है। अब देखना यह है कि अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ, अपने प_ों को उतारने की चाल कितनी कामयाब होती है। तब तक हम अपनी आदत के अनुसार चुप हो जाते है।

– प्रशांत अंजाना

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