अर्जुन को जमीन खा गई आसमान निकल गया अभी तक कोई सुराग नहीं

मामला गुमशुदा सेवा सहकारी संस्था सचिव का

उन्हेल, अग्निपथ। सेवा सहकारी संस्था बेड़ावन के सचिव के अचानक लापता हो जाने का मामला बड़ा पेचीदा हो गया है। संस्था सचिव किन कारणों से लापता है कई तरह की चर्चा जिला सहकारी बैंक में सुनाई दे रही है। पुलिस को भी इस मामले की पड़ताल करने में पसीना छूट गया।

सेवा सहकारी संस्था बेड़ावन के सचिव अर्जुनसिंह राजपूत यूं तो सरल स्वभाव के हैं, मात्र जाम टकराने की शौकीन हैं, यही उनकी कमजोरी है। 17 मई से उनका अचानक लापता हो जाना और अभी तक कोई सुराग नहीं मिलना कई सवालों को जन्म दे रहा है। 16 मई को लोगों ने उनको हंसमुख देखा था। उनके हाव भाव से ऐसा नहीं लगता है कि किसी तनाव के चलते संस्था सचिव लापता हुए। कारण कुछ भी हो वह तो अभी अंधेरे की परत के अंदर छुपा है। वहां तक पुलिस अभी नहीं पहुंची है।

जिस दिन भी पुलिस के हाथ अर्जुन सिंह राजपूत तक पहुंचेंगे उस दिन बड़ा रहस्य खुल सकता है। दोषी लोग सलाखों के पीछे नजर आएंगे पर अभी तक अर्जुन सिंह के नहीं मिलने से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि अर्जुन को जमीन खा गई या आसमान निगल गया।

सांवरिया जी के आसपास देखे गए

संस्था सचिव की पड़ताल करने के लिए विभाग के कर्मचारी मित्रों के अलावा परिजन भी खोजबीन के लिए निकले थे। मोटरसाइकिल के अलावा दो कार भी उनका छायाचित्र लेकर पड़ताल करती रही। नागदा के रंगोली में भोजन करने की जानकारी भी मिली। जावरा के आसपास ढाबे पर उनके शराब पीने की पुष्टि भी हुई। इसके अलावा यह भी जानकारी मिली कि उनके साथ कोई नहीं था। खुद ही अपनी बाइक से राजस्थान के सांवरिया सेठ की यात्रा मार्ग पर भी एक-दो स्थानों पर देखे जाने की पुष्टि हुई।

पिपलिया मंडी के आगे तक उनकी लोकेशन खोजबीन करने गए लोगों को मिली है। वहीं परिजन ने पुलिस में 19 मई को गुमशुदगी दर्ज की है। अब परिजन भी थक हार कर हाथ पर हाथ रखे बैठ गए हैं। वही पुलिस भी मोबाइल लोकेशन को लेकर कोई सुराग हाथ लगने की उम्मीद लगाए बैठी है। उधर सचिव की सभी मोबाइल सिम व बंद होने से पुलिस का भी साइबर खोजी नेटवर्क भी जाम हो गया है।

बेड़ावन पर्यवेक्षक के हवाले

सेवा सहकारी संस्था सचिव के नहीं मिलने पर जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक ने संस्था की जवाबदारी पर्यवेक्षक चंद्र पटेल को संस्थापक प्रभारी बनाकर संचालन व्यवस्था सौंपी गई है। क्योंकि गेहूं से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को लेकर किसानों के बीच समस्या खड़ी हो रही थी। यहां पर किसानों के ओवरड्यू से लेकर किसी भी बात की परेशानी सामने आती है तो जिसके जवाबदार जिला सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधक होंगे। क्योंकि गुमशुदगी के बाद से रूटिंग व्यवस्था बनाने में प्रबंधक लापरवाह रहे हैं।

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