रिपुदमन ने कर्मचारियों के साढ़े चार करोड़ रुपए का सट्टा लगा दिया

bhairavgarh jail ujjain

उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हुए डीपीएफ घोटाले में नई जानकारी सामने आई है। पता चला है आरोपी रिपुदमन ने कर्मचारियों की भविष्य निधि के साढ़े चार करोड़ रुपए का सट्टा लगा दिया। सबसे ज्यादा सट्टा देवास के सटोरिये रामजाने के पास लगाया गया है। इसलिए पुलिस ने उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर ले लिया। इधर चर्चा है कि जेल विभाग कैदियों के लिए लगाए गए १४ टेलीफोन की जांच शुरू करने वाला है।

जेल में कर्मचारियों के भविष्य निधी खाते में किए गए गबनकांड में रिमांड पर चल रहे मु य आरोपी रिपूदमन ने पुलिस समक्ष मुंह खोल दिया। कबूला कि उसने करीब ४.५० करोड़ रुपए सट्टे में गवा दिए। इसमें करीब ३ करोड़ रुपए का सट्टा देवास के धर्मेद्र उर्फ रामजाने के पास लगाया था। मामले में पकड़ाए रामजाने से पूछताछ और जांच में पता चला कि उसने स्वयं के खाते के अतिरिक्त करीब १.५० करोड़ रुपए अपनी पांच वर्षीय भतीजी के खाते में ट्रांसफर करवाए थे।

जानकारी के बाद भैरवगढ़ टीआई प्रवीण पाठक ने रामजाने को गुरुवार को कोर्ट से ३ अप्रैल तक के लिए रिमांड पर ले लिया। सर्वविदित है १० मार्च को जेल में हुआ घोलाला उजागर हुआ था। जांच में पता चला कि तीन वित्तीय वर्ष में ६८ कर्मचारियों के डीपीएफ खाते के१३.५४ करोड का गबन हुआ है। जिसके मुख्य आरोपी सह अकाउंटेंट रिपुदमन, पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज र्है।

जगदीश का फिर मागेंगे रिमांड

गबन कांड में पुलिस ने देवास का सटोरिए रोहित चौरसिया, बुधवारिया के रिंकू मांदरे, हरीश गेहलोद २३ मार्च से रिमांड पर है। वहीं जगदीश परमार को २९ को पेश कर ३१ मार्च तक रिमांड ले रखा है। गुरुवार को चारों की रिमांड अवधि खत्म होने पर पुलिस कोर्ट से चारों को फिर रिमांड मांग सकती है। मामले में मुख्य आरोपी रिपूदमन, उषाराज ८ अप्रैल तक रिमांड पर चल रहे है।

महू पहुंची पुलिस

गबन कांड में पुलिस को बिचोली मर्दाना के एक सटोरिए के खाते में भी बड़ा ट्रांजेक्शन होने का पता चला है। महू में उसके छिपने का पता चलने पर पुलिस दल उसे तलाशने गया है। जल्द उसके पकड़ाने की उम्मीद है। वहीं मामले में फरार पांच हजार के ईनामी प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार,धर्मेद्र लौधी,सटोरिए सुशील परमार, पिंटू तोमर, अमित मीणा, ललित,मंगेश का भी अब तक सुराग नहीं मिला।

उषाराज चुप,जगदीश पलटा

पुलिस सूत्रों के अनुसार काफी प्रयास के बाद भी उषाराज मुंह नहीं खोल रही। पुलिस पर दबाव बनाने के लिए उसने एसआईटी में शामिल टीआई पाठक एसआई चांदनी गौड़ की मजिस्ट्रेट विनायक वर्मा के समक्ष शिकायत कर दी। उसने दोनों पर मानसिक व शारीरिक प्रताडऩा देने का आरोप लगा दिया। झूूठे आरोप को देखते हुए चांदनी एसआईटी से हट गई। इधरं खुद को बेगुनाह बताते हुए घोटाले का सच उजागर करने का दावा कर सरकारी गवाह बनाने की मांग करने वाला जगदीश ने भी थाने में पैतरा बदल दिया। उसने पहले पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करने का प्रयास किया। दांव नहीं चलने पर चुप्पी साध ली।

फोन कांड भी खुलेगा

जेल विभाग के सूत्रों के अनुसार कैदियों की उनके परिजनों से बात के लिए लगे १४ फोन का भी उषाराज व जगदीश ने कमाई के लिए इस्तेमाल किया। नतीजतन फोन कई अपराधों की वजह भी बने हो सकते हैं। डीपीएफ गबन कांड में भी फोन का उपयोग किया हो सकता है। संभवत: ऐसी ही सूचना के कारण जेल विभाग फोन का रिकार्ड निकालकर जांच करने की तैयारी कर रहा है।

गबन कांड में शक के घेरे में आए लोगों की सभी स्तर पर जांच की जा रही है। फरार आरोपियों को भी पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है।

– डॉ. इंद्रजीत बाकलवाल, एएसपी

देवास से पकड़ाए आरोपी को ३ अप्रैल तक के लिए रिमांड पर लिया है। चार आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने पर आज कोर्ट में पेश करेंगे।

– प्रवीण पाठक,टीआई भैरवगढ़

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