तीन बार रिमांइडर: झोलाछाप डॉक्टरों पर नहीं हो पाई कार्रवाई

अब नये सीएमएचओ कर चुके पदभार ग्रहण, 6 टीमें कार्रवाई के लिये तैयार की गई थीं

उज्जैन, अग्निपथ। शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बिना रजिस्ट्रेशन मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिये तात्कालिन सीएमएचओ ने टीमें बनाई थीं। लेकिन इन टीमों द्वारा पांच माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि इनको तात्कालिन सीएमएचओ द्वारा तीन बार रिमाइंडर करवाया जा चुका था। मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों को ऐसे ही अभयदान दिया जा रहा है।

विगत नवम्बर-2023 के पूर्व पहले तात्कालिन सीएमएचओ डॉ. दीपक पिप्पल ने ऐसे तथाकथित डॉक्टर जिनके पास इलाज का रजिस्ट्रेशन नहीं है, उन पर कार्रवाई करने के लिये शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये छह टीमों का गठन किया था। लेकिन पांच माह से बीतने को आया लेकिन अभी तक बिना रजिस्ट्रेशन के मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले इन डॉक्टरों पर आज तक छह में से एक भी टीम ने कार्रवाई नहीं की है।

तात्कालिन सीएमएचओ डॉ. दीपक पिप्पल द्वारा इन टीम के सदस्यों को तीन बार रिमाइंडर भी कराया जा चुका था। लेकिन टीम के सदस्य उनके आदेश को घोलकर पी गये। अब डॉ. पिप्पल का तबादला संयुक्त संचालक के पद पर कर दिया गया है। नवागत सीएमएचओ डॉ अशोक पटेल उज्जैन में हाल ही में पदस्थ हुए हैं। उनके द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है….देखने वाली बात रहेगी।

शहर में बेखौफ चला रहे क्लिनिक

शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल जमा 300 के करीब इस तरह की क्लिनिकों का संचालन किया जा रहा है। इनमें कई के पास रजिस्ट्रेशन है तो कई बिना रजिस्ट्रेशन के मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बीच बीच में खबर आ जाती है कि फलां डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के कारण मरीज की जान चली गई।

इसी को देखते हुए तात्कालिन सीएमएचओ डॉ. पिप्पल ने इन टीमों का गठन किया था। लेकिन टीम के सदस्य कार्रवाई करने में मूड में नहीं रहे, तभी तो शहर में बेखौफ होकर झोलाछाप डॉक्टर्स अपनी क्लिनिक का संचालन कर रहे हैं।

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